चूरू। शिव कॉलोनी स्थित शिवालय में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें रविवार को यजमान गोपीचंद प्रजापत ने पूजा अर्चना की। कथावाचक तेजराम महाराज ने कथा के पांचवें दिन कृष्ण से भोले बाबा दर्शन करने आए प्रसंग का वाचन करते हुए कहा कि लीला पुरुष श्रीकृष्ण जब भी कोई लीला रचते हैं, उसके पीछे कोई आदर्श विद्यमान रहता है।
भगवान शिव के इष्ट हैं विष्णु इसलिए जब-जब नारायण ने अवतार लिया तब-तब भगवान शंकर उनके बालरूप के दर्शन के लिए पृथ्वी पर पधारे। श्री कृष्णावतार की एक झलक पाने के लिए बाबा भोलेनाथ साधु-वेष में गोकुल पहुंचे। शिव शंकर ने यशोदा से मांगी कान्हा के दर्शनों की भीख तब शंकर भगवान बोले, हे मैया मैं कुछ और भिक्षा लेकर क्या करुंगा। मुझे तो लल्ला के दर्शन की भिक्षा चाहिए, केवल एक बार मुझे उनकी मुख-माधुरी का दर्शन करा दें, फिर मैं चला जाऊंगा। मैया डरते-डरते अंदर गईं और लल्ला को गोद में पकड़ कर ले आईं। भगवान शंकर यह छवि देखकर आंनदित हो नाचने लगे।
इस अवसर पर शिव गोरखनाथ मंडली के पवन कुमार भगत, किशनलाल, ताराचंद, मनोज सैनी, प्रकाश शर्मा, मनोज मेघवाल, गोपाल, शेखर गुर्जर, जगदीश जांगिड़, आनंद, हनुमान सैनी, विनोद, रेवती शर्मा, सांवरमल, बजरंग गोस्वामी आदि सहित वार्ड की अनेक महिलाएं व पुरुष उपस्थित थे।