संस्कृति को बचाने के लिए भाषा का संरक्षण आज महत्ती जरूरत — बोराणा

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मरूदेश संस्थान की ओर से रोटरी क्लब बीकानेर को कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा सेवा सम्मान

सुजानगढ़ । मरूदेश संस्थान द्वारा साहित्य मनीषी कन्हैयालाल सेठिया की 104 वीं जयंती पर सोमवार को सुजानगढ स्थित उनकी पैतृक हवेली में हुए समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य मेला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ रंगकर्मी रमेश बोराणा ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण के लिए भाषाओं का संरक्षण आवश्यक हैं।

बोराणा ने कहा कि दुनिया में अब छह हजार आठ सौ बाइस शेष बची भाषाओं में से आने वाले चालीस वषोर्ं में चार हजार भाषाएं खत्म हो जायेगी। जिस समाज की भाषा और बोली खत्म हो जाती है उस समाज की संस्कृति नष्ट हो जाती है। संस्कृति के नष्ट होने से मनुष्यता समाप्त हो जाएगी फिर मनुष्यता के बिना आदमी और जानवर में कोई फर्क नहीं रह जायेगा। बोराणा ने रोटरी क्लब और मरूदेश संस्थान के राजस्थानी भाषा सेवा कायोर्ं की प्रशंसा करते हुए उसे अनुकरणीय बताया।

मरूदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने आयोजन की पृष्ठभूमि को रेखांकित करते हुए कन्हैयालाल सेठिया की काव्य साधना पर प्रकाश डाला। समारोह की अति विशिष्ट अतिथि राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर की अध्यक्ष बिनाका जैश मालू ने कहा कि महाकवि सेठिया की साधना स्थली पर आकर खुद को भाग्यशाली महसूस कर रही हूं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कला व साहित्य के लिए संवेदनशील है। अकादमी ने तीन सौ पैंसठ दिनों में राज्य भर में तीन सौ आयोजन किये हैं। उन्होंने सेठिया की स्मृति को चिरस्थाई बनाएं जाने की भी आवश्यकता जताई।

आयोजन के स्वागताध्यक्ष राजकीय बालिका महाविद्यालय लाड़नूं के प्राचार्य डॉ.गजादान चारण ने कहा कि कन्हैयालाल सेठिया राजस्थान और राजस्थानी भाषा के एक महान रचनाकार होने के साथ-साथ समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, चिंतक और पर्यावरणविद भी थे। इनकी काव्य रचनाएं युग यथार्थ का प्रतिबिम्ब हैं। आयोजन के रोटरी क्लब के पूर्व प्रान्तपाल अरूण प्रकाश गुप्ता ने कहा कि उनकी संस्था राजस्थानी भाषा व साहित्य के प्रचार – प्रसार में अपना योगदान दे कर खुद को भाग्यशाली समझती है। अपनी मातृभाषा के लिए कार्य करना हमारा दायित्व हैं।
रोटेरियन निदेशक मनमोहन कल्याणी ने रोटरी क्लब का परिचय दिया। राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व सचिव पृथ्वीराज रतनू ने सेठिया जी के निवास स्थल को तीर्थ स्थल की संज्ञा दी। आयोजन में समाहार वक्तव्य रोटरी क्लब के निवर्तमान प्रान्तपाल राजेश चूरा ने दिया। आयोजन की अध्यक्षता पीडब्ल्यूडी के पूर्व अधिशासी अभियंता व गीतकार शंकर इंदलिया ने की। राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता युनूस अली खान मोहिल ने आभार व्यक्त किया। अतिथियों ने कन्हैयालाल सेठिया के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की और कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

रोटरी क्लब को भाषा सेवा सम्मान

इस वर्ष का कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा सेवा सम्मान रोटरी क्लब बीकानेर को उनके विगत एक दशक से राजस्थानी भाषा व साहित्य को प्रदान किये अवदान के लिए प्रदान किया गया। रोटरी क्लब से जुड़े अरूण प्रकाश गुप्ता, राजेश चूरा, मनमोहन कल्याणी व पृथ्वीराज रतनू ने यह सम्मान ग्रहण किया। सम्मान स्वरूप अभिनंदन -पत्र, शॉल, श्रीफल, साहित्य व प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। संचालन डॉ घनश्याम नाथ कच्छावा ने किया। आगन्तुक अतिथियों का सम्मान संस्थान के सचिव कमल नयन तोषनीवाल, रतनलाल सैन, किशोर सैन, छापर के कन्हैयालाल स्वामी, विद्याधर पारीक, पार्षद पार्षद मधु बागरेचा, सुनीता रावतानी, एईएन मोहित पारासर, इंजीनियर इसाक तगाला, रामाकिशन फुलवाड़िया, सुनील विश्नोई, अरविंद विश्वेंद्रा, कवि हरिराम गोपालपुरा, पार्थ सोनी, प्रशान्त भंसाली, ओंकार पारीक, अनिल पुरोहित, भंवरलाल गिलाण आदि ने किया।
आयोजन में वरिष्ठ नेत्री सरला पांडे, पूर्व प्राचार्य पुष्पलता शर्मा, इतिहासकार करणीदान सामौर, प्राचार्य कमला शर्मा, बाबूलाल सारस्वत, ओम प्रकाश तूनवाल, लालचंद बेदी, सुरेश अरोड़ा, मुकेश रावतानी, शंकर माहेश्वरी, विनोद सैन, साहित्यकार बजरंगलाल जेठू, कवि गौरीशंकर भावुक, बृजलाल सामौर, ज्योति राठौड़, रानी जैन, पूजा स्वामी, सुमित्रा सैन, गोपाल मोयल, रामनिवास गुर्जर, इलियास खान, रामजी तोदी, गिरधारी बुगालिया, राजेश सुंदरिया, गोपाल राखेचा आदि सहित परमानंद तिलोकचंद बीएड कालेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं। कन्हैयालाल सेठिया के गीत धरती धोरां री से आयोजन का समापन हुआ।

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