सुजानगढ़। स्थानीय मरूदेश संस्थान द्वारा प्रति माह नियमित रूप से आयोजित कन्हैया लाल सेठिया साहित्य संवाद श्रृंखला इस बार 5 सितम्बर रविवार को शाम पाँच बजे हिंगलाजदान रतनू का व्याख्यान होगा। मरूदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ.घनश्याम नाथ कच्छावा ने बताया कि राजस्थान पर्यटन विकास निगम कोलकाता और नोर्थ ईस्ट के प्रभारी अधिकारी हिंगलाज दान रतनू मायड़ भाषा राजस्थानी के विद्वान और प्रबुद्घ ज्ञाता रहे है। आपकी राजस्थानी में लेख, कविताएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही है। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर राजस्थानी भाषा,कला,साहित्य व संस्कृति पर संगोष्ठियों ,परिचर्चाओं और दूसरे कार्यक्रमों में इनके विचार समय -समय पर प्रसारित होते रहे हैं। आरटीडीसी में कार्य करते हुए भी आप साहित्य ,कला और संस्कृति के विकास हेतु सदैव प्रयासरत्त रहे हैं। साहित्य और संस्कृति के संस्कार विरासत से प्राप्त करने वाले हिंगलाजदान रतनू अपने दादा मॉरिशस के राष्ट्र पिता कृष्णानंद महाराज ,पिता डिंगल के विख्यात कवि भंवर पृथ्वीराज रतनू और मामा विप्लव के कवि मनुज देपावत के साथ -साथ महाकवि कन्हैयालाल सेठिया के जीवण चरित्र , कृतित्व और व्यक्तित्व को आपना आदर्श मानते हैं। राजस्थानी भाषा और साहित्य के गहरे अध्येता हिंगलाजदान रतनू मरुदेश फेसबुक पेज पर वर्चुअल “कुछ बातें सेठिया जी की, कुछ रचनाएं सेठिया जी की ” विषय पर अपनी बात रखेंगे।