सालासर में दो दिवसीय राजस्थानी महिला लेखक सम्मिलन 30 अगस्त से

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सुजानगढ़। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से सम्बद्ध साहित्य अकादमी नई दिल्ली और मरूदेश संस्थान , सुजानगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में सालासर के सावरथिया सेवा सदन में 30 व 31 अगस्त को दो दिवसीय राजस्थानी महिला लेखक सम्मिलन आयोजित होगा। मरूदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने बताया कि दो दिन में पाँच सत्रों में आयोजित इस आयोजन में राजस्थानी महिला लेखन पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी। तीस अगस्त को सुबह दस बजे उदघाटन सत्र प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अर्जुनदेव चारण के मुख्य आतिथ्य में आयोजित होगा और स्वागताध्यक्ष अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवास राव होगे । वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शारदा कृष्ण की अध्यक्षता वाले इस सत्र में बीज वक्तव्य के रूप में आयोजकीय पृष्ठभूमि को अकादेमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी रेखांकित करेंगे। सम्मिलन के सुबह बारह बजे आयोजित प्रथम सत्र की अध्यक्षता रायसिंहनगर की किरण बादल करेगी और इस सत्र में चूरू की डॉ. गीता सामौर ‘ लोक साहित्य में नारी चेतना ‘, बीकानेर की डॉ. रेणुका व्यास नीलम ‘ आधुनिक राजस्थानी कविता और नारी ‘ एवम् जोधपुर की संतोष चौधरी ‘ राजस्थानी उपन्यास और कथेतर साहित्य में नारी विमर्श ‘ विषय पर आलेख पाठ प्रस्तुत करेंगी। इसी दिन दो बजे जोधपुर की डॉ. सुमन बिस्सा की अध्यक्षता में आयोजित दूसरे सत्र में बीकानेर की मोनिका गौड़ और विनिता शर्मा कविता पाठ करेगी वहीं डॉ. कृष्णा आचार्य कहानी पाठ प्रस्तुत करेगी। अगले दिन सुबह दस बजे राजस्थानी महिला लेखक सम्मिलन का तीसरा सत्र प्रारम्भ होगा जिसकी अध्यक्षता जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर की राजस्थानी विभाग अध्यक्ष डॉ. धनन्जय अमरावत करेगी और इस सत्र में उदयपुर की रीना मेनारिया ‘ इक्कीसवी सदी की राजस्थानी कहानी और नारी विमर्श ‘ , बीकानेर की डॉ. संजू श्रीमाली ‘ आधुनिक राजस्थानी कविता में प्रयोग -संदर्भ महिला लेखन ‘ और अमिता सेठिया ‘तेरापंथ के राजस्थानी साहित्य में नारी जागरण ‘ विषय पर आलेख पाठ प्रस्तुत करेगी। इसी क्रम में दोपहर साढे बारह बजे आयोजित चौथा सत्र जयपुर की डॉ. मीता शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित होगा जिसमें बीकानेर की मनीषा आर्य सोनी व डॉ. सीमा भाटी कविता पाठ और ऋतु शर्मा कहानी पाठ करेगी। अंतिम दिवस के समापन सत्र की अध्यक्षता मरूदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा करेगे और समाहार वक्तव्य मधु आचार्य आशावादी प्रस्तुत करेंगें। साहित्य अकादेमी के सहायक संपादक ज्योति कृष्ण वर्मा धन्यवाद प्रस्तुत करेंगे।

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