शिक्षण सामग्री निर्माण कार्यशाला आयोजित

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चूरू। सीएमडीई प्रभाग, डाइट चूरु द्वारा तीन दिवसीय बुनियादी साक्षरता एवं सँख्या ज्ञान के संदर्भ में अतिरिक्त शिक्षण सामग्री निर्माण कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए डाइट प्राचार्य गोविंद सिंह राठौड़ ने कहा कि शिक्षण कार्य बहुआयामी उद्देश्यों और लक्ष्यों के साथ किया जाता है। जिन प्राथमिक कक्षाओं में हम शिक्षण कराते हैं, उन कक्षाओं में विषयानुसार सीखने के प्रतिफल निर्धारित किये गये हैं। अधिगम अगर अच्छा होगा तो सीखने के प्रतिफल भी अपेक्षानुरूप अर्जित होंगे। उन्होंने कहा कि इंटरेक्टिव बोर्ड आने वाले समय की मांग है आगे स्मार्ट बोर्ड से ही प्रशिक्षण दिए जायेंगे। सीएमडीई प्रभारी बजरंग लाल मीना ने पूर्व में हुई कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षणों का संदर्भ देते हुए कहा कि अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के अनुसार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करना ही हमारा मूल उद्देश्य है। इस कार्यशाला में सभी संभागी अपने अनुभव को काम में लेते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री बनाएँगे। प्रभागाध्यक्ष कुसुम शेखावत ने इस बात को दोहराया कि सीखने के प्रतिफल हर कक्षा एवं विषय में विद्यार्थी के शैक्षिक स्तर के जाँच बिन्दु हैं। ईटी प्रभागाध्यक्ष नरेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के प्रभावशाली शिक्षण से ही विद्यार्थी अपनी कक्षा स्तर अनुरुप अधिगम स्तर का प्रदर्शन कर सकेंगे। उपस्थित विषय विशेषज्ञों ने बताया कि प्रभावशाली शिक्षण के लिए बच्चों का संज्ञानात्मक विकास आवश्यक है। बच्चों में सृजनशीलता, मौलिक समझ का विकास करना चाहिए। शिक्षण के दौरान आरोह अवरोह के साथ कविता-गीत ; रोचक लोककथा या बाल कथाएं आदि का समावेश होना आवश्यक है। लोकगीत, विभिन्न चार्टस, मॉडल आदि का प्रयोग शिक्षण को प्रभाव शाली बनाता है। प्रतिदिन की परिचर्या के निष्कर्ष के आधार पर संभागियों ने शिक्षण-सामग्री का निर्माण किया, जिनके प्रयोग के साथ सीखने के प्रतिफल में आशानुरूप सफलता मिल सकती है। सभी ने कहा कि विद्यालयों में यह सब प्रयुक्त भी करना है। कार्यशाला के दौरान डाइट के प्रभागों के पीएंडएम प्रभागाध्यक्ष संदीप महरोलिया, डॉ विजयलक्ष्मी शेखावत, डॉ. सत्यनारायण स्वामी , पीएंडएम प्रभारी सरिता, निजी सहायक संजय आदि ने अवलोकन करते हुए मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला में राजेन्द्र शर्मा, हुक्माराम बरबड़, प्रभुदयाल सैनी ने स्थानीय भाषा आधारित सामग्री निर्माण की जानकारी दी। इस अवसर पर कृष्ण मुरारी, प्रमिला मीना, निहाल सिंह, नीना भारती, दीपिका, निर्मला, देवकरण सिंह गुरजाराम आदि ने सराहनीय भूमिका निभाई।

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