जयपुर। अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में बीमा क्लेम को लेकर 2 जून से पड़ाव के साथ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों के बीच तनातनी होती रही। जहां सरकार के माध्यम से किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ताएं हुई है किसान अपनी मांगे नहीं माने जाने तक झुकने के लिए तैयार नहीं है।
किसानों ने टकराव को हर संभव टालने का प्रयास किया है,लेकिन अब किसान नेताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है। 8 सितम्बर को रेल रोको आंदोलन का ऐलान के बाद प्रशासन के हाथ पाव फूल गए जिसके चलते 10 सितम्बर को मुख्यमंत्री के साथ वार्ता पर बुलवा आया तो रेल रोको एक बार के लिए टाल दिया।10 सितम्बर को मुख्यमंत्री की वार्ता में निर्देश देने के बाद 21 सितम्बर को तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में फेसला रिव्यू करने के लिए मीटिंग तय थी। जिस पर किसान सभा के प्रतिनिधि मण्डल जयपुर 20 सितम्बर को ही चले गए और इसमें प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी,राज्य कमेटी सदस्य निर्मल प्रजापत,जिला मंत्री उमराव सिंह,तहसील मंत्री रामकृष्ण छींपा,सलीम रहे। 21 सितम्बर की बैठक होनी थी लेकिन बैठक कैंसल कर चौका दिया। जिसके चलते किसान नेताओं ने आंदोलन तेज करने की घोषणा कर दी। जिसके चलते 27 सितम्बर को 12:00 बजे पंथ कृषि भवन जयपुर में तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक होना तय हुआ है।
दूसरी ओर किसान सभा के प्रतिनिधियों ने भी सरकार की नियत को देखते हुए 29 सितम्बर को चूरू कलेक्ट्री पर एक आम सभा तय कर दी है। किसान सभा के प्रतिनिधियों ने कहा है कि आम सभा सरकार के फैसले पर निर्भर करेगी की क्या करना है,अगर फैसला किसानों के पक्ष में आएगा तो जीत के साथ ये सभा विजय जुलूस में बदल जायेगी,अगर फैसला नहीं आता है तो आन्दोलन तेज कर दिया जाएगा।