बीमा कम्पनियों को क्रोप कटिंग के आधार पर देना होगा बीमा क्लेम — किसान सभा

0
30

किसान एकता रैली में किसानों का उमड़ा सैलाब, मंच से गरजे किसान नेता, सरकार पर जमकर बरसे, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आए चूरू, पहले दौर की वार्ता विफल,

चूरू। अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से चूरू में क्राॅप कटिंग के आधार पर बीमा क्लेम सहित विभिन्न मांगों के लेकर चल रहे आन्दोलन के 68वें दिन किसानों ने जब हुंकार भरी तब प्रशासन सकते में आ गया और बुधवार को कलक्टर कार्यालय के सामने किसान एकता रैली में किसानों को सैलाब उमड़ा। आदिवासी दिवस के अवकाश पर जिलेभर के किसानों के संगम का विहंगम दृश्य देखकर पुलिस व जिला प्रशासन अलर्ट हो गया तथा कलक्टर कार्यालय छावनी बन गया। किसान एकता रैली की सभा प्रातः11बजे शुरू हो गई और जिलेभर से किसानों के आने का सिलसला दोपहर तक जारी रहा।कलक्टर कार्यालय के मुख्य गेट के सामने किसान एकता रैली की सभा हुई। दो माह से अधिक समय से अखिल भारतीय किसान सभा चूरू के नेतृत्व में पड़ाव डालकर बैठे किसानों के सब्र का बांध बुधवार को टूटता दिखाई दिया और मंच से गरजे किसान सभा के नेता सरकारों पर जमकर बरसे। किसान नेता बार-बार यह कहते नजर आए कि बुधवार का दिन आर-पार की लड़ाई का दिन है। तीन बजे तक प्रशासन को समय दिया गया है और कहा गया कि सरकार यदि उनकी मांगे नहीं मानेगी तो किसान तब तक डटे रहेंगे जब तक जिले के किसानों को दो हजार करोड़ रुपए का बीमा क्लेम क्रोप कटिंग के आधार पर नहीं मिल जाता। चार घंटे चली सभा के बाद अखिल भारतीय किसान सभा चूरू का प्रतिनिधिमण्डल ने जिला प्रशासन से वार्ता की लेकिन वार्ता बेनतीजा रही।

सभा में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अषोक धवले ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार ने भारतीय नागरिकों के साथ धोखा किया है तो किसानों को अंधेरे में रखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस दोनों की पूंजीपतियों की सरकारें हैं। उन्होंने किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक ओर किसान सभा संघर्ष कर रही है तो दूसरी ओर भाजपा की केन्द्र सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। धवले मणिपुर हिंसा ने देश को शर्मसार किया है तो केन्द्र सरकार का मणिपुर की घटना पर ढुलमुल रवैया रहा है। उन्होंने महंगाई पर केन्द्र सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा ने देश के वातावरण को खराब किया है। इसलिए आनेवाले चुनाव में किसानों को सोचसझकर निर्णय करना होगा। पूर्व विधायक अमराराम ने किसानों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए भाजपा की केन्द्र और प्रदेष की गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया।सभा में किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक पेमाराम ने कहा कि फसल बीमा क्लेम किसानों का अधिकार है कोई खैरात नहीं। सेटेलाइट के माध्यम से फसल खराबे को आधार मानने का कोई तुक ही नहीं है क्योंकि फसल बीमा क्लेम का आधार तो क्रोप कटिंग है लेकिन बीमा कम्पनियों ने किसानों को लूटने का तरीका खोज लिया है और सरकार बीमा कम्पनियों को पौषित कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा के विधायक तथा सांसद किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं लेकिन वे अपनी अपनी सरकार से बीमा क्लेम पर बात क्यों नहीं करते। जहां उन्हें बात करनी चाहिए वहां तो बात नहीं कर रहे हैं और आन्दोलन का समर्थन कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को बीमा क्लेम देने और अन्य मांगों को सरकार यदि नहीं मानेंगी तो यह आन्दोलन और तेज होगा।

सभा में डूंगरगढ़ विधायक गिरधारी महिया ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की सरकारें किसानों के साथ निरंतर अन्याय कर रही है। जिसे किसान अब नहीं सहेगा। केन्द्र की सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून क्यों नहीं बना रही है जबकि उसे तीन काले कानून वापस लेने पड़े थे। उन्होंने कहा कि क्रोप कटिंग के आधार पर किसानों का बकाया बीमा क्लेम देने में कम्पनियां क्यों आनाकानी कर रही है जबकि यह तो किसान का पैसा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें मोदी या गहलोत नहीं चला रहे हैं बल्कि पूंजीपति सरकार चला रहे हैं लेकिन किसान अपने अधिकार लेकर रहेगा और बीमा कम्पनियों को क्रोप कटिंग के आधार पर क्लेम देना होगा। यदि सरकार अब भी हटधर्मिता अपनाएगी तो किसान इसका माकूल जवाब देंगे।सभा में किसान सभा के जिला अध्यक्ष इन्द्राज सिंह व जिला मंत्री उमराव सिंह ने कहा कि किसानों के दो माह से चल रहे महापड़ाव के दवाब में तमाम आपत्तियां हटाई गई तथा रबि का बीमा क्लेम क्रोप कटिंग के आधार पर मिलने का फैसला भी हो गया लेकिन इसके बावजूद किसानों का दो हजार करोड़ रुपए का बीमा क्लेम बीमा कम्पनियां देने में आनाकानी कर रही है जिसे किसान सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि षासन प्रशासन को दिए गए तय समय तक किसानों के पक्ष में कोई सकारात्मक जवाब नहीं आएगा तो आन्दोलन तेज कर दिया जाएगा। सभा के प्रदेश सदस्य निर्मल प्रजापत ने निर्मल प्रजापत ने कहा कि 68 दिन से तपस्या कर रहे किसानों का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा। षासन प्रषासन से किसानों की मांगों को लेकर पहले कई बार वर्ता हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद किसानों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत हो चुका है किसान आरपास की लड़ाई लड़ेगा और अपने अधिकार लेकर रहेगा। सभा में तहसील अध्यक्ष रणवीरसिंह भांभू, एसएफआई के सोनू जिनेवा, कासीराम पूनियां, सुनितादेवी, आदूराम न्यौल, सुशीलादेवी सहित अनेक नेताओं ने विचार व्यक्त किए। इसी क्रम में बताया गया कि दूसरे दौर की वार्ता के बाद सभा आन्दोलन को लेकर आगामी रणनीति तय करेगी। सभा का संचालन रामकृष्ण छींपा ने किया। समाचार लिखे जाने तक दूसरे दौर की वार्ता जारी थी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here