कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करना आत्महत्या के समान:- डॉ.सुरेंद्र देवड़ा

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13 मई के सत्र में कोरोना काल में “योग व व्यायाम कैसे करें” पर लाइव सिखाएँगी योग गुरु वरुणा शुंगलू

अलवर। अलवर पुलिस और राजस्थान पुलिस की पहल पर ‘पूछे डॉक्टर सेÓ एम्स जोधपुर के कार्डियोलॉजी विभाग के सह आचार्य डॉ.सुरेंद्र देवड़ा ने जनता के सवालों के जवाब दिए। इसी सैशन में गुरूवार को शाम छह बजे योग एक्सपर्ट वरूणा श्रंगलू जनता के सवालों के जवाब देंगी। डॉ. देवड़ा ने जनता के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना के गाइलाइन की पालना नहीं कर रहा है तो यह आत्महत्या के समान है क्योंकि सरकार और अन्य संस्थाएं अपना काम मुस्तैदी से कर रहे हैं। कोरोना को खत्म करने के लिए मास्क लगाना और दो गज की दूरी बनाए रखने के साथ ही उन तमाम गाइलाइन्स का पालन करना जरूरी है तो कि सरकार द्वारा जारी की गई हैं। ह्रदय रोगियों के लिए उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कार्डियक पेशेंट है तो भी वे पेट को बल लेट सकते हैं। जिसे हम प्रोनिंग कहते हैं।
गौरतलब है कि डॉक्टर से पूछे ऑनलाइन सैशन 3 मई से आयोजित किया जा रहा है। इस सैशन का प्रमुख उद्देश्य जनता में कोरोना और लॉकडाउन को लेकर फैल रही भ्रांतियों को दूर करना है। इस सैशन के दौरान गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई ई संजीवनी एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम के अंत में अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने डॉक्टर सुरेंद्र देवड़ा का आभार व्यक्त किया। डॉक्टर सुरेंद्र देवड़ा ने कहा कि एक ही व्यक्ति के एक दिन से तीन से चार सैंपल लेकर भी अगर कोरोना की जांच करवाई जाती है तो वह पॉजिटिव और नेगेटिव आ सकती है। ऐसे में हमें हमें रिपोर्ट पर ध्यान नहीं देते हुए लक्षणों के आधार पर ही व्यक्ति का इलाज शुरू करना होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होता है कि नाक और गले में जो भी सैंपल लिए गए हैं वह कितना डीप जा कर लिए गए हैं। डॉक्टर देवड़ा ने कहा कि अगर एक रिपोर्ट में पॉजिटिव और एक रिपोर्ट में नेगेटिव भी आ रहे हैं तो आप यह मानकर चलिए की आप का इंफैक्शन लेवल काफी कम है, डॉ. देवड़ा ने कहा की बस यह ध्यान रखना है कि हमें व्यक्ति को समय पर इलाज देना है। होमकोरोन्टाइन के बारे में उन्होंने कहा कि आम तौर पर इसकी गाइड लाइन 14 दिन की है लेकिन दस दिन के भीतर मरीज इस स्थिति में होता है कि वह किसी को इंफैक्ट नहीं कर सकता है। यदि आप संक्रमित है अथवा आपमें लक्षण प्रतीत हो रहे है तो आपको 14 दिन का कम से कम होम आइसोलेशन का कड़ाई से पालन करना हाई चाहिए।
डॉ. देवड़ा ने कहा कि आम आदमी को साल में एक बार ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। जिससे वह अपने बारे में जान सके कि उनका शुगर, कॉलस्ट्रॉल और शरीर के अंग कैसे काम कर रहे हैं।इस सालाना जाँच का दिन व्यक्ति को अपनी जन्म तिथि रखें तो इसे भूक जाना भी सम्भव नही होगा और जाँच से आप खुद के स्वास्थ्य का मूल्यांकन कर पाएँगें। उन्होंने कहा कि चूंकि कोरोना में सबसे पहले फेफडे ं संक्रमित होते हैं तो उसका असर हार्ट पर जरूर आता है ऐसे में यह ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना काल के डेढ़ साल के भीतर हार्ट पेंशेंट कॉम्पलीकेटेड स्थिति में अस्पतला पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना गले और नाक के जरिए प्रवेश करता है इसलिए सबसे पहले फेफडे संक्रमित होते हैं। उन्होंने कहा कि गर्भवति महिला और 18 साल से कम के व्यक्ति टीका नहीं लगवा सकते हैं। जिनके वाल्व बदला है और जो पीटीएनआईआर की जांच करवाते है यानि जिनके खून पतला करने के गोलियां लेते हैं उनके लिए वैक्सीन मना नहीं है लेकिन उन्हें एक बार जांच करवा कर और जिस भी डॉक्टर से उनका इलाज चल रहा है वह उनसे परामर्श लेकर वैक्सीन लगवा सकते हैं। डॉ.सुरेंद्र देवड़ा ने कहा कि कोरोना होने के बाद तीन से छह हफ्ते के बाद कोविड वैक्सीन लगवाई जा सकती है। डॉ. देवड़ा ने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि कोविडशील्ड पहली डोज के बाद 4 से 8 हफ्ते बाद और कोवैक्सीन के 4 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगवाइ जा सकती है। डॉ. देवड़ा ने कहा कि कोरोना संक्रमित है तो आप लंबी दूरी का ट्रेवल नहीं करे क्योंकि आपके पैर स्थिर रहते हैं ऐसी स्थिति में खून के थक्के बनने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि कोरोना पेशेंट्स को बैड रिडन नहीं होना है थोड़ा चलते फिरते रहना है। उन्होंने कहा कि आप योग और प्रणायाम के जरिए अपने आपको स्वास्थ रखते हैं। अत: इन दिनों घर में रहते हुए योग एवं व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ एवं धैर्य व होंसला बनाएँ रखें।

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