बच्चों में कोरोना हो तो घबराएं नहीं, बच्चे जल्दी ठीक होते हैं: डॉ.एसडी शर्मा

0
710

जारी ऑनलाइन चिकित्सा संवाद सत्र घर बैठे स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरूकता बढ़ाने में निभा रहा है अहम भागीदारी : संगीता बेनिवाल , अध्यक्ष बाल आयोग

अलवर। बच्चों को कोरोना हो जाए तो घबराना नहीं है। इलाज करवाएं, सेल्फ मेडिकेशन नहीं करवाएं। किसी भी प्रकार का टेस्ट बिना डॉक्टरी सलाह नहीं करवाएं। सीटी स्कैन नहीं करवाएं। बच्चों में कॉम्पलीकेशन और डेथ रेट 1 प्रतिशत होती है। यह कहना है बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.एसडी शर्मा का। वहीं बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि बच्चों के साथ पूरी तरह से फैमिली टाइम दें। जो माता-पिता बच्चों के साथ समय नहीं बिता पा रहे थे वह बच्चों के साथ समय बिताएं। इस लॉकडाउन में बच्चों को टाइम टेबिल सैट करना अति आवश्यक हैं। ऑनलाइन संवाद सत्र के बारे में बताते हुए बाल आयोग की अध्यक्षा ने बताया की बाल अधिकारों एवं उनकी सुरक्षा के प्रति बाल आयोग सदैव तत्पर है। कोरोना काल में इसी क्रम में घर बैठे सही स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देने हेतु बाल आयोग की सहभागियों की संयुक्त पहल पूछें डॉक्टर से स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरूकता बढ़ाने में अहम भागीदारी निभा रहा है ।गौरतलब है कि आज 14 वें सत्र ऑनलाइन सैशन पूछे डॉक्टर से में शाम छह बजे रविवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं जेकेलॉन अस्पताल, जयपुर पूर्व अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष, बाल – शिशु रोग एवं नियोनेटोलॉजी विभाग डॉ.एसडी शर्मा और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल जनता से जुड़ी।

इडियट सिन्ड्रोम से बचें: डॉ.एसडी शर्मा ने कहा कि आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरी है कि इडियट सिन्ड्रोम से बचना। इडियट सिन्ड्रोम वह कहलाता है जो कि इंटरनेट से ज्ञान से लेकर खुद का इलाज शुरू कर देते हैं। यही इडियट सिन्ड्रोम है।
उन्होंने कहा कि एचआरसीटी खुद करवाने से बच्चों में एक्सरे से ज्यादा रेडिएशन होता है। बच्चे डर जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चे नहीं समझते कोरोना क्या होता है। यह क्या महामारी है। बच्चों में मानसिक तनाव पैदा होने लगा है। जिसका अभिभावकों को ध्यान रखना है। पहली लहर में व्यस्कों को हुआ। सब अनलॉक हो गए। जबकि सभी को व्यवहारिक तौर पर लॉकडाउन जैसे ही व्यवहार करना चाहिए था।डॉ.शर्मा ने कहा कि बच्चे को मास्क पहनाना भी कठिन कार्य है। इससे बचने के लिए घर में बड़े को कोरोना की गाइडलाइन का पालना करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना में ए सिमटोमेटिक एक टर्म है जिसमें कोई लक्षण नहीं होते हैं। घर में किसी बड़े को कोरोना है तो 24 घंटे मास्क लगा कर रखें। यह ध्यान रखना है कि बच्चों में गंभीर रूप नहीं ले रहा है। बच्चों में माइल्ड फॉर्म है। कुछ बच्चे एमआईएससी सिन्ड्रोम से ग्रसित होने लगे हैं। यह सिन्ड्रोम कोरोना से रिलेटेड है। यह 1-19 साल के बच्चों में होता है। इसके लक्षण है 48 से 72 घंटे का बुखार है। हांफने लगता है। पेट फूल जाना, पीलिया हो जान,दौरे आना, बेहोशी आना इत्यादि है। यह नया सिन्ड्रोम है। उन्होंने कहा कि मदर को कोरोना है तो भी बच्चे को मां का दूध पिलाना जारी रखें। सेल्फ मेडिकेशन न करें उससे नुकसान ज्यादा है। डॉक्टर की सलाह जरूर है। डॉ. एसडी शर्मा ने कहा कि मास्क से ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है। हर आठ घंटे में मास्क बदलें। सही प्रकार का मास्क, सर्जिकल मास्क जरूरी है। घर में किसी को करोना है तो सभी को मास्क लगा कर रखना जरूरी है। अगर घर में आइसोलेट नहीं हो सकते हैं तो संस्थागत कोरोनटाइन सेंटर में जा कर आइसोलेट हो सकते हैं। लोगों में भ्रांति है कोरोना पॉजिटिव होने के बाद नेगेटिव होने के बाद उन्हें कुछ नहीं होगा, नेगेटिव आने के बाद भी कोरोना गाइलन की पालना करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बचाना है तो बड़ों को सजग होना होगा। एयरबोर्न बच्चों के लिए खतरे की घंटी है। बच्चा संक्रमित है तो उसे घर में रखे तो दाल, हरी सब्जियां, पनीर आदि दें। स्क्रीन टाइम घटाएं, इसका टाइम फिक्स करें। बच्चों को योगा सिखाएं, नृत्य करवाएं, स्कूलिंग की कमी पूरी करवाएं, माताएं अपने बच्चों को रसोई में काम करवाएं। इंडोर खिलाएं। इससे बच्चे मनोविकार से बचेंगे।

बच्चों को पूरा समय दें अभिभावक : संगीता बेनिवाल , अध्यक्ष बाल आयोग

चाइल्ड हैल्प लाइन नंबर 1098 सभी ध्यान रखें: वहीं इसी सत्र में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि कोरोना के कारण बालश्रम के केस बढऩे की संभावना है। ऐसे में चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 पर फोन कर सूचना दे सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्रधिकरण को सूचना दे सकते हैं। यहां पर आप का नाम गोपनीय रखा जाता है। सभी जिलों में बाल कल्याण समिति से भी लगातार संपर्क में रहा जा सकता है। गौरतलब है कि गौरतलब है कि रेड अलर्ट पखवाड़ा अवधि में कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत अलवर पुलिस, यूनिसेफ, राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग, सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी, राजीविका – ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान सरकार, जिला प्रशासन अलवर,एलएआरसी एवं संप्रीति संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में जारी ऑनलाइन चिकित्सक संवाद श्रंखला में पूछें डॉक्टर से के अंतर्गत वेबिनार अलवर पुलिस के अधिकृत सोशल मीडिया फेसबुक हैंडल व सुरक्षा संवाद श्रंखला के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इसका सीधा प्रसारण आरएससीपीसीआर, एसपीयूपी, जोधपुर पुलिस आदि के सोशल हैंडल्स पर भी किया जा रहा है। जनता यह चिकित्सकीय संवाद इन लिंक्स पर देख सकती है।
फेसबुक लाइव लिंक: https://www.facebook.com/AlwarPolice/live/ और यूट्यूब लाइव लिंक: http://bit.ly/surakshasamvaad । आप सभी इन्हें अधिकाधिक शेयर भी करें।

आज जनता से संवाद करेंगे पदश्री डॉ.मोहसिन वली
तीन-तीन भारतीय राष्ट्रपतियों के फिजिशियन रह चुके हैं डॉ.वली

राजस्थान पुलिस और अलवर पुलिस की ओर से जारी ऑनलाइन चिकित्सीय संवाद श्रंखला पूछे डॉक्टर से में सोमवार को आमंत्रित वक्ता एवं चिकित्सक होंगे सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ आलोक त्रिपाठी एवं नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट पदमश्री डॉ.मोहसिन वली जनता से संवाद स्थापित करेंगे। गौरतलब है कि डॉ.मोहसिन वली भारत के तीन राष्ट्रपतियों के पूर्व फिजिशियन रह चुके हैं ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here