कोरोना से बचाव के लिए जागरुकता से जुड़ी गतिविधियां निरंतर जारी रहेंगी-आयुक्त, सूचना एवं जनसम्पर्क

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जनसम्पर्क अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस
कोरोना महामारी से बचाव के लिए जन जागरुकता सबसे अधिक महत्वपूर्ण

जयपुर। आयुक्त, सूचना एवं जनसम्पर्क महेन्द्र सोनी ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जन जागरुकता सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए हम सबको कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाते हुए जागरुक करना है। कोरोना से डरना नहीं, बल्कि सावधान रहना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाये गये 21 जून से 7 जुलाई तक चलाए गए विशेष जागरुकता अभियान से राज्य में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली है। आयुक्त श्री सोनी शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों के सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंन्स के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे।
श्री सोनी ने कहा कि कोरोना से बचाव और उसके रोकथाम के लिए जागरुकता अभियान की अवधि भले ही समाप्त हो गई है लेकिन कोरोना से बचाव के लिए जागृति की जरूरत आज भी है और आने वाले लम्बे समय तक रहेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए जागरुकता अभियान से जुड़ी गतिविधियां निरंतर जारी रहेंगी।
सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त ने जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारियों को राज्यभर में सरकार द्वारा चलाये जा रहे कोरोना जागृति अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना जागृति अभियान को इसी प्रकार जिलाें से लेकर ग्राम स्तर तक जारी रखा जाए, अभियान की अवधि ही समाप्त हुई है, अभियान की गतिविधियां आगे भी चलती रहनी चाहिए। आयुक्त श्री सोनी ने जिला जनसम्पर्क अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया के साथ-साथ स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा स्थानीय भाषा में ही कोरोना संक्रमण से बचाव, हस्ताक्षर अभियान, डिजिटल चित्र प्रतियोगिता, सैन्ड आर्ट द्वारा कोविड-19 के प्रति आम जनता को जागरूक बनाने के लिए किये गये नवाचारों की भी प्रशंसा की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिलों के जनसम्पर्क अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों का पूरा सहयोग करने के साथ-साथ विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं, नेहरू युवा केन्द्र, आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं का भी भरपूर सहयोग मिलने की जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिलों के सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारियों ने जागरुकता अभियान के अपने अनुभवों और नवाचारों को भी साझा किया।
आयुक्त श्री सोनी ने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना नियंत्रण के लिए भीलवाड़ा मॉडल, जयपुर मॉडल और राजस्थान मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जनसम्पर्क अधिकारियों को दो गज की दूरी बनाने, मुंह पर मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सार्वजनिक स्थलों पर नहीं थूकने के लिए लोगों को लगातार प्रेरित करना होगा। इसके लिए क्षेत्रीय कलाओं और बोलियों के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाना चाहिए।वीडियो कॉन्फ्रेंस में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के वित्तीय सलाहकार सुभाष दानोदिया, अतिरिक्त निदेशक प्रेम प्रकाश त्रिपाठी एवं अलका सक्सेना, संयुक्त निदेशक (समाचार) अरूण जोशी एवं उप निदेशक डॉ. राजेश व्यास सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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