रावण के दरबार में अंगद ने जमाया पैर, लंका छोड़कर विभीषण राम की शरण में पहुंचे

0
643

सरदारशहर। सातवें दिन की रामलीला में श्री लोकरंजन परिषद के कलाकारों द्वारा हनुमान द्वारा श्रीराम को माता सीता का समाचार सुनना, रावण मंदोदरी संवाद, विभीषण का लंका में निष्कासन, विभीषण का राम की शरण में आना, श्रीराम का समुद्र पर कोप समुद्र द्वारा सेतु निर्माण की सलाह देना आदि प्रसंगों का प्रभावी मंचन किया गया। रामलीला का निर्देशन ओमप्रकाश सोनी व संगीत निदेशक डॉ बालकृष्ण कौशिक द्वारा किया जा रहा है। संयोजक शोभाकांत स्वामी, योगेश्वर शर्मा, वरिष्ठ एडवोकेट माणकचंद भाटी, प्रमोद जोशी, दुर्गा प्रसाद चोटिया, मुखराम नथोलिया, शंकरलाल ओझा, गौरीशंकर कंदोई, शंकरलाल सिंधी, शंभूदयाल पारीक, तेजपाल चौधरी ने भगवान की आरती में भाग लिया। विजय ने राम, भानु पाराशर ने लक्ष्मण, किशन जांगिड़ ने रावण, श्याम जोशी ने मेघनाथ, रुद्रप्रताप ने अंगद, रजत सेन ने सीता व मंदोदरी, रोहित वर्मा ने सुख, मांगीलाल ने सारंग, हेमंत जोशी ने केसरी, प्रदीप प्रजापत, पियूष, मोनू सैनी ने रावण दूत, पुरवास व भवानीशंकर ने नल नील, किशनसिंह ने जामवंत, विकास प्रजापत ने सुग्रीव की भूमिका में शानदार अभिनय किया। नवोदित कलाकार पूर्वाश शर्मा ने शत्रुघ्न, पवनदेव, वरुण व निषाद आदि की भूमिका अच्छी प्रकार से निभाई। रामलीला में डॉ बनवारीलाल, गिरधारीलाल पारीक, बनवारीलाल जांगिड़, मनोज कुमार तंवर, बाबूलाल प्रजापत, श्यामलाल सांखला सहित बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी माता बहनों ने देर रात तक भगवान राम की लीला रसवादन किया।

इस कारण से तारानगर से चुनाव लडेगें राजेन्द्र राठौड़, भाजपा प्रदेश मंत्री डॉ चावला ने बताई हकीकत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here