चूरू। भारत आदिकाल से मातृशक्ति के विभिन्न रूपों का पूजन कर उसके महत्व और अभिप्राय का उत्सव मनाता आया है। इन्हीं मूलभूत संस्कारों का अनुसरण करते हुए शारदीय नवरात्रि में हम माँ भगवती दुर्गा के कल्याणकारी नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। आज चुरु सिंगी धोरा स्थित सच्चियाय माता मंदिर में शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन चन्द्रभान सिंगी सपत्नीक कांता सिंगी जयपुर से पधारे हुए ने शास्त्रोक्त विधि से पूजा अर्चना कर की ज्योत लेते हुए आराधना कि संसार में सभी के जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि की कामना करते है। व्यवस्थापक अभय सिंगी ने बताया की आज शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम श्शैलपुत्रीश् पड़ाख्भक्तों के समस्त संताप हरने वाली शैलपुत्री की आराधना की गई है कि माँ हम सभी को अपनी ममतामई कृपा से आच्छादित करें पूजा में जतन देवी सिंगी राजेन्द्र सिंगी, बसंत सिंगी सूरत अभय सिंगी, राजश्री सिंगी, विजय बेद, शांति बेद कलकता, प्रज्ञा डागा बेंगलोर, रुक्मणि देवी, निर्मल बैद, विमला देवी, संतोष देवी ,सरला देवी मनोत, पहलाद जांगिड, पूनम सरोठिया, कृष्णा जांगिड, कमला सैन, व अन्य पधारे भक्त गण ने आरती में सम्मिलित होते हुए अखंड ज्योत के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।कार्यक्रम में विधिवत पूजा अर्चना पंडित परमेश्वर जी पुजारी शुभकरण जी पुजारी ने संपन करवाई।