आत्मबल और सत्याग्रह के बूते ताकतवर सत्ता के सामने चुनौती की मिसाल हैं गांधी : सैनी

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अगस्त क्रांति सप्ताह अंतर्गत ‘हिंद स्वराज: सत्याग्रह, आत्मबल’ विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा, हमेशा प्रासंगिक रहेंगे गांधी

चूरू। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष के उपलक्ष में चल रहे कार्यक्रमों के सिलसिले में अगस्त क्रांति सप्ताह के दूसरे दिन जिला परिषद सभागार में आयोजित संगोष्ठी ‘हिंद स्वराज: सत्याग्रह, आत्मबल’ में वक्ताओं ने सत्याग्रह एवं आत्मबल पर विचार व्यक्त करते हुए गांधीजी के व्यक्तित्व, कृतित्व को रेखांकित किया।
जिला प्रशासन एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ बीएल सैनी ने कहा कि आत्मबल और सत्याग्रह के दम पर गांधी ने देश दमित-शोषित और निर्धन लोगों को दुनिया की सबसे ताकतवर अंग्रेज हुकूमत से लड़ने का बल दिया और उस सत्ता को उखाड़ फेंका, जिसके बारे में कहा जाता था कि उसका सूर्य कभी अस्त ही नहीं होता। सैनी ने कहा कि गांधी जीवन के हर एक क्षेत्र में हमारा मार्गदर्शन करते हैं और वे हमेशा प्रांसगिक हैं। दुनिया के सभी देशों में गांधी के प्रति एक आस्था है और हमें अपनी जीवन में गांधी के आदर्शों को स्थान देना चाहिए। हम अपने जीवन में अन्याय और अत्याचार के खिलाफ मुखर होकर बोलें और अपनी आवाज उठाएं, गांधी हमें यह सिखाते हैं।मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य एचआर ईसराण ने कहा कि महात्मा गांधी ने इंसानियत की ऊंचाई के रूप में महात्मा गांधी का जीवन एक मिसाल है। विभिन्न विचारकों को उद्धृत करते हुए ईसराण ने कहा कि महात्मा गांधी के व्यक्तित्व में एक गत्यात्मकता मिलती है। उन्होंने स्वराज की व्याख्या करते हुए कहा कि आत्मसंयम, आत्म निर्णय और स्वाधीनता इसके प्रमुख आधार हैं। स्वाधीनता की लड़ाई में उन्होंने अपने सत्याग्रह एवं आत्मबल से पूरे आंदोलन को आलोकित किया। यह उनका आत्मबल ही था कि किसी भी सजा को सहर्ष स्वीकार करने को तैयार थे। महात्मा गांधी ने ताकतवर अंग्रेजों और राजे-रजवाड़ों से लड़कर यह साबित किया आत्मबल क्या चीज है। उन्होंने कहा कि हमारी अंतरात्मा की आवाज ही हमारी नियामक होनी चाहिए।।अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने अगस्त क्रांति आयोजनों में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति पदाधिकारियों की सक्रियता की सराहना की तथा कहा कि इन आयोजनों से युवा पीढ़ी को गांधी दर्शन समझने में मदद मिलेगी। चूरू संयोजक रियाजत खान ने गांधी विषयक आयोजनों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सराहना करते हुए कहा कि हमें गांधी के जीवन का अध्ययन करना चाहिए। सीईओ रामनिवास जाट ने कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में हमें कोई काम करते समय हिचकिचाहट हो गांधी का दिया मूलमंत्र हमारा मार्गदर्शन करता है। एडीएम लोकेश कुमार गौतम ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं जहां गांधी का स्मारक नहीं हो। गांधी पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते हैं और दुनिया में हमारी पहचान स्थापित करते हैं।
एसडीएम अभिषेक खन्ना ने कहा कि जिस व्यक्ति में आत्मबल नहीं हो, वह सत्याग्रही नहीं हो सकता है। महात्मा गांधी जैसा सत्याग्रही न हुआ और न ही कभी होना संभव लगता है। उन्होंने दो सौ साल भारत पर राज करने वाली सत्ता को सत्याग्रह के बल पर खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और सामने वाला कितना भी ताकतवर हो, सत्याग्रह के सामने झुकना ही पड़ता है।।गांधी-150 के जिला संयोजक दुलाराम सहारण ने अतिथियों को हिंद स्वराज के राजस्थानी अनुवाद की प्रति भेंट की और सप्ताह के आगामी कार्यक्रमों से अवगत करवाया। संचालन उम्मेद गोठवाल ने किया। सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान समाजशास्त्री डॉ. फिरोज अख्तर, बीसूका समिति के पूर्व सदस्य जमील चौहान, जिला खेल अधिकारी ईश्वर सिंह लांबा, वरिष्ठ विधि अधिकारी सुखदेव सिंह, विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. श्रवण कुमार सैनी, वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र शर्मा, प्रकोष्ठ सहायक दयापाल सिंह पूनिया, एसबीएम समन्वयक श्यामलाल शर्मा, सीडीपीओ सीमा सोनगरा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान, विकास मील, हेमंत सिहाग, मोहम्मद अब्बास काजी, इकबाल खां, एटीओ देवेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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