किसान आंदोलन के 6 माह पूर्ण होने पर मनाया काला दिवस

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संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान सम्पूर्ण जिले में हुए विरोध प्रदर्शन, किसानों ने अपने वाहनों व घरों पर फहराए काले झंडे

हनुमानगढ़।(हिमांशु मिढा) केन्द्र सरकार द्वारा किसान विरोधी तीनों काले कानूनों के खिलाफ चल रहे आन्दोलन के छह माह पूर्ण होने व केन्द्र की भ्रष्ट सरकार के सात साल पूर्ण होने पर किसानों ने बुधवार को जिले में हर जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला फुककर काला दिवस मनाया। इसी श्रृंखला में गांव मक्कासर के ग्वाड़ में जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर के नेतृत्व में समस्त ग्रामीणों ने अपने अपने घरों पर काले झण्डे लगाकर व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला फुककर विरोध दर्ज करवाया। जिला परिषद डायरेक्टर मनीष मक्कासर ने बताया कि केन्द्र की भ्रष्ट व निक्कमी सरकार ने हिटलर राज पुनः लेकर आई है। उन्होने कहा कि मोदी जी चुनावों में किसान हितेषी और आमजन के लिये जनकल्याणकारी योजनाओं को लाने की बात करते थे परन्तु चुनाव जीतने के बाद इन्होने हिटलर राज को पुनः देशभर में स्थापित किया है जिसके चलते मजदूरों व किसानों को बेड़ियों में बांधने वाले कानून लाकर उनके हितों पर कोठाराघात कर रही है। उन्होने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अपनी हटधर्मिता पर बनी रहेगी तो किसान, मजदूर, व्यापारी व हर वर्ग मिलकर इस सरकार को सत्ता से हटाने का काम करेगा। इस मौके पर भोला सिंह चढूनी, मनोज गोदारा, गुरलाल सिद्धु, सतनाम, राजवीर, गुरप्रीत, राकेश चुघ, कृष्ण मुनीम, कृष्ण जमादार, गुरदीप, मुखा, गणेश, दलीप नौरंग, सोन, बीरू, सन्नी, जसवंत मान सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।

इसी प्रकार भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) हनुमानगढ़ टाउन की तमाम सीटू संगठन द्वारा 26 मई काला दिवस मनाया क्योंकि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 6 माह से देश का किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर बैठा है, केंद्र की मोदी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी । संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तय किया कि 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया व सीटू ने पूरे देशभर में (एसकेएम) के समर्थित में काले झंडे लगाकर विरोध दर्ज करवाया । कृषि कानून निरस्त करो । बिजली संशोधन विधेयक वापस लो। लेबर कोडस रद्द करो । निजीकरण बंद करो । नगद हस्तान्त्रण और मुफ्त अनाज दिया जाए । कार्यक्रम में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई, काले झंडे फहराए गए व सीटू के जिला अध्यक्ष कामरेड आत्मा सिंह, सीटू के संरक्षक मलकीत सिंह, सीटू के जिला उप सचिव कामरेड बहादुर सिंह चौहान ने संबोधित किया । इस मौके पर कामरेड हरजी बर्मा, कामरेड मेजर सिंह, कामरेड बसंत सिंह, कामरेड अरविन्‍द मुंशी, जगदीश यादव,शोपत राम,संदीप बसौड़, संतोष शाह,राकेश बजाज, सुदेश शर्मा, जगतार सिंह, छिंदर सिंह, लालमोहन अन्य तमाम सीटू नेता उपस्थित थे । काला दिवस के मौके पर मास्‍क लगाकर, 2 गज की दूरी रखकर,कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए काला दिवस मनाया ।


कोहला टोल नाके पर किसानों ने फूंका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला, किया प्रदर्शन, किसानों ने गाड़ियों एवं घरों पर लगाए काले झंडे।

केंद्र सरकार के किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले 6 माह से दिल्ली चारों तरफ से घेर कर बैठे हैं इसी के चलते 470 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद भी हो चुके हैं परंतु फिर भी केंद्र की निकम्मी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। केंद्र की मोदी सरकार को जगाने के लिए और किसान आंदोलन के 6 माह पूर्ण होने व केंद्र की नाकारा मोदी सरकार के 7 साल पूर्ण होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 26 मई को पूरे देश काला दिवस के रूप में मनाते हुए में जगह जगह केंद्र की मोदी सरकार के पुतले फूंके जाएंगे और घरों पर काले झंडे लगाकर कोविड-19की गाइड लाइन की पालना करते हुए विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसी परिपेक्ष में आज हनुमानगढ़ जिले के कोहला टोल नाके पर किसान नेताओं की अगुवाई में पीएम मोदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने संबोधन में किसान नेता डॉ सौरभ राठौड हनुमानगढ़,किसान नेता रघुवीर वर्मा ने कहा कि दिल्ली को घेर कर बैठे लाखों हमारे किसान साथियों को बैठे हुए आज पूरे 6 माह का समय हो चुका है लेकिन केंद्र की निकम्मी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है वही केंद्र सरकार देश में कोरोनावायरस को लेकर भी पूर्णता विफल रही है उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एवं देश के पीएम मोदी को जगाने के लिए आज पूरे देश में किसानों के द्वारा पीएम मोदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और अगर फिर भी मोदी सरकार किसानों पर थोपे हुए तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लेती और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून नहीं बनाती तो कोविड-19 की गाइडलाइन के पालना करते हुए किसान आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वही विरोध प्रदर्शन के दौरान संबोधित करते हुए कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व चेयरमैन रामेश्वर चांवरिया,रेशम सिंह मानुका, सरपंच प्रतिनिधि मोहन लोहारा,सरपंच गुरप्रीत मान,सरपंच जसविंदर सिह,हरदयाल सिंह गुरुसर,संदीप कंग,मन्ना सिहं पहलवान,एडवोकेट लालचंद वर्मा,पूर्व पार्षद निरंजन नायक, सरपंच रोहित स्वामी आदि वक्ताओं ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून नहीं बना देती तब तक हमारा ये आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। वही इस मौके पर मौजूद सभी किसान नेताओं एवं किसान प्रतिनिधियों ने आज बुद्ध पूर्णिमा पर महात्मा बुद्व को नमन करते हुए उनके दिखाए हुए रास्ते शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया। इस मौके पर राकेश सहारण,रामकुमार नायक,वजीर सिंह मान,लखवीर सिंह बराड़,संधू सिंह मान,प्रकाश मान,तलविंदर सिह मनफूल निवाद ,ओमप्रकाश कूकना ,रामकुमार गोदारा, बलवंत सिंह, गुरजंट सिंह ,सतपाल दंदीवाल ,हरदीप ढिल्लों, मनदीप ढिल्लों ,हरजिंदर सरां, राकेश ढूकिया, महेंद्र सिंह औलख ,सुखवीर ढिल्लों सहित अन्य किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे।

मजदूर संगठन सीटू के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मजदूर संगठन सीटू के कार्यकर्ताओं ने आज 26 मई को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर व मजदूर विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी, देश विरोधी आरएसएस नित भाजपा के 7 साल पूरे होने के अवसर को भारतीय जनतंत्र का #काला दिवस# के रूप में मनाया अनेकों संस्थानों में मजदूरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया तथा पूरे हनुमानगढ़ जिले में अनेकों स्थानों पर सीटू कार्यकर्ताओं ने काला दिवस की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए इसी के तहत हनुमानगढ़ के लाल चौक पर मानव श्रृंखला बनाई सीटू राज्य उपाध्यक्ष कॉमरेड रामेश्वर वर्मा ने बताया कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है देश के मजदूर- किसान, गरीब आम जनता के हालात बद से बदतर हो गए हैं सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई बेरोजगारी ने आज विकराल रूप ले लिया है यह सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल रही है सीटू जिला महासचिव कॉमरेड शेर सिंह शाक्य ने बताया कि कोविड-19 रोकथाम की आड़ में जनवादी अधिकारों को कुचला जा रहा है आपदा में अवसर के नाम पर लाखों लोगों के रोजगार छीन गए हैं, वेतन कटौती की जा रही है, पेट्रोल डीजल व अन्य जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ाकर आम जनमानस का जीना दूभर कर दिया गया है मक्कासर सरपंच कामरेड बलदेव सिंह ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को तो भूखे मरने के लिए मजबूर कर दिया गया है। और इसी महामारी के दरमियान किसान विरोधी कृषि कानून व मजदूर विरोधी लेबर कोड बनाए गए हैं जिसके खिलाफ 6 माह से आंदोलन चल रहा हैआज के हमारे विरोध प्रदर्शन की मुख्य मांग है कि दिहाड़ीदारो, रेहड़ी पटरी दुकानदार पथ विक्रेताओं, निर्माण श्रमिकों, घरेलू कामगार महिलाओं, रिक्शा, ऑटो चालको, असंगठित क्षेत्र के कामगार आदि लॉक डाउन से प्रभावित गरीब परिवारों को ₹7500 प्रति माह आर्थिक सहायता राशि व मुफ्त राशन दिया जाए* किसान विरोधी तीनों कृषि कानून व मजदूर विरोधी चारों श्रम कोड़ों को रद्द किए जाएं* एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाया जाए* निजीकरण कारपोरेटीकरण की नीति पर रोक लगाई जाए* कोई भी फैक्ट्री मालिक कोविड-19 की आड़ में औद्योगिक मजदूरों की वेतन कटौती, छंटनी ना करें इस बाबत तुरंत सरकारी आदेश जारी किए जाएं* राशन में चावल, आटा, दाल, तेल, नमक, चीनी, मसाले, चना, मास्क, सैनिटाइजर आदि जरूरी वस्तुओं को शामिल किया जाए तथा राशन व्यवस्था के दायरे में सभी को शामिल किया जाए* सभी कोरोना पीड़ितों को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए तथा सभी को जल्द से जल्द निशुल्क टीके लगवाने की व्यवस्था की जाए* कोराना की वजह से जिन परिवारों में मौत हुई है उन्हें तुरंत आर्थिक-सामाजिक मदद दी जाए अगर समय रहते केंद्र की मोदी सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती हैं तो पूरे हिंदुस्तान का मजदूर किसान एकजुट होकर और बड़े आंदोलन की ओर जाएंगे, आज के इस प्रदर्शन में सीटू जिला अध्यक्ष कॉमरेड आत्मा सिंह ,कॉमरेड बहादुर सिंह चौहान, कॉमरेड आमिर खान,कॉमरेड मुकद्दर अली, शिवकुमार, अमित कुमार, वारिस अली ,गुरनायब सिंह, तरसेम सिंह, किसान नेता ओम स्वामी, कॉमरेड बीएस पेंटर, रिछपाल सिंह, मंटू मंडल, व सैकड़ों की संख्या में किसान मजदूर मौजूद थे

रिलायंस मार्ट के सामने पिछल साढ पांच माह से धरना दे रहे किसानों ने मनाया काला दिवस

केन्द्र सरकार के तीनों काले कानूनों के विरोध में पिछले छह माह से आन्दोलन कर रहे किसानों ने केन्द्र सरकार के सात साल पूर्ण होने व किसान आन्दोलन के छह माह पूर्ण होने पर बुधवार को काला दिवस मनाया। बुधवार को जंक्शन रिलाइंस मार्ट के सामने 5 माह 15 दिन से धरना दे रहे किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अंडानी व अम्बानी का पुतला फुककर प्रदर्शन किया। किसान सद्दाम हुसैन व अपारजोत बराड़ ने बताया कि पिछले छह माह से दिल्ली में किसानों का आन्दोलन जारी है व साथ ही प्रत्येक टोल पर भी किसान धरना लगाकर बैठे है। उक्त आन्दोलन में आज तक 470 किसान शहीद भी हो चुके है परन्तु केन्द्र की जनविरोधी व किसानविरोधी सरकार अपनी हठधर्मिता पर अटल है। उन्होने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अच्छे दिन का वायदा कर सत्ता में आई थी और पूरे देश के मजदूर, व्यापारी व किसान की खुशियां छिनकर अपने अच्छे दिन ला चुकी केन्द्र सरकार सत्ता के नशे पर चुर है और आमजन के हितों को भी नही देख पा रही है। उन्होने कहा कि अब यह आन्दोलन नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाने के बाद भी खत्म होगा। इस मौके पर सद्दाम हुसैन, अपरजोत बराड़, जस्सू जैलदार, अभिजीत सोनी ,जावेद खान, रोहित चावला, दिलबर बराड़, शिवराज बराड़, अर्शदीप, आशु, दुष्यंत झुरिया, मनजोत बराड़, गंगू मान, अरबद सिंह मौजूद थे।

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