चूरू। जिला कलक्टर संदेश नायक के निर्देशानुसार जिलेभर के विद्यालयों में गुरुवार को सामुदायिक बाल सभाओं का आयोजन किया गया। समुदाय के लोगों की उपस्थिति में हुई बाल सभाओं में विद्यार्थियों ने कविता, गीत, नृत्य, भाषण, कहानी, चुटकुले सुनाकर सक्रिय भागीदारी निभाई। शिक्षा विभाग एवं प्रशासन-पुलिस से जुड़े विभिन्न अधिकारियों ने बतौर संबलन अधिकारी विद्यालयों में पहुंचकर विद्यार्थियों का उत्साहवद्र्धन किया।
इसी सिलसिले में ढाढ़र के राउमावि की ओर से गांव के अंबेडकर भवन में बारहवीं कक्षा की छात्रा दीपिका शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बाल सभा को संबोधित करते हुए संबलन अधिकारी पीआरओ कुमार अजय ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और एक लक्ष्य तय की उसे हासिल करने की दिशा में जुनून की हद तक मेहनत करें। विद्यार्थी अपनी प्रकृति और प्रतिभा को पहचानकर उसे उत्कृष्टता की सीमा तक विकसित करें। प्रकृति ने प्रत्येक बालक को कोई न कोई विशिष्टता दी है, जरूरत इस बात की है कि उस विशिष्टता को हम सार्थकता में बदलें। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जीवन यात्राएं हमें सिखाती हैं कि हम कैसे अपने जीवन का और अपने समय का बेहतरीन प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होेंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने पाठ्यपुस्तकों के अध्ययन साथ-साथ आसपास के परिवेश को समझें और जागरुक बनें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी समाचार पत्रों को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और आने वाले समय की चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जिज्ञासु व तार्किक बनें तथा अपने भीतर धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करते हुए धर्मसहिष्णु बनें। उन्हाेंने शिक्षकों से कहा कि वे जाति और धर्म जैसी किसी भी प्रकार की संकीर्णता के जहर से विद्यार्थियों को बचाएं और गलत के खिलाफ खड़े होने के लिए उन्हें तैयार करें।
प्रधानाचार्य बेधड़क कुमार ने विद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। संचालन राकेश सेवदा ने किया। इस दौरान विद्यार्थियों की ओर से तैयार चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई तथा विशिष्ट वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संबलन अधिकारी एवं अन्य अतिथियों ने विभिन्न गतिविधियों में उत्कृष्ट रहने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मुखराम प्रजापत, मानसिंह सामौर, प्रियंका चौधरी, युनुस अली, राधेश्याम मीणा, राकेश सेवदा आदि ने बाल सभा आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान मुंशीराम, अजय शीला, सुभाष कुमार, प्रदीप शर्मा, रणजीत खारड़िया, रामनिवास सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, अध्यापकगण एवं विद्यार्थी मौजूद थे।