जल, जंगल और जमीन का संरक्षण जरूरी — कुमार अजय

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घाँघू के बैकुंठ धाम में ग्राम पंचायत की ओर से ग्रामीणों के सहयोग से हुआ पौधरोपण

चूरू। घाँघू गांव के बैकुंठ धाम में सोमवार को ग्राम पंचायत की ओर से ग्रामीण युवाओं के सहयोग से नीम, पीपल, बकायण, शीशम आदि के दो सौ पौधे लागये गए। इस दौरान गांव के युवाओं ने श्रमदान किया और साफ-सफाई की और बैकुंठ धाम में नियमित तौर पर श्रमदान कर धाम का कायाकल्प करने का संकल्प लिया।
पौधरोपण का शुभारंभ युवा व्यवसायी श्याम सुंदर बाटू ने पीपल का पौधा लगाकर किया। इस मौके पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय में कहा कि वर्तमान समय में एक तरफ सीमेंट-कंक्रीट के जंगल पनप रहे हैं, वहीं जल, जंगल और जमीन पर संकट खड़ा होता जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम पारिस्थितिकी संतुलन के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और प्रकृति का साथ दें। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति प्राणिमात्र के कल्याण की बात करती है। यदि हम पेड़ लगाते हैं तो इस अवधारणा के लिए काम कर रहे होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य सरकार वृक्षारोपण के लिए भरपूर काम कर रही है और जिले में भी बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा पौधरोपण स्वागत योग्य है।
सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा में युवाओं के श्रमदान की सराहना करते हुए कहा कि जितने अधिक पेड़ लगाए जा सकें, उतने ही बेहतर हैं। उन्होंने बताया कि बैकुंठ धाम में पूर्व में भी अच्छा पौधरोपण किया गया है। भविष्य में सभी के सहयोग से धाम का सौंदर्यीकरण करवाया जाएगा। इस दौरान जीएसएस के पूर्व अध्यक्ष परमेश्वरलाल दर्जी, बीरबल नोखवाल, ताराचंद प्रजापत, श्याम सुंदर बाटू, मुरारीलाल दर्जी, विनीत राहड़, मनीष दर्जी, मनीष बरड़, नवरत्न टेलर, दिनेश कुमार, सौरव नेहरा, गुमानाराम मांझू आदि ने श्रमदान किया और। पौधे लगाए।

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