युवाओं के श्रमदान ने बदहाली पर आंसू बहा रहे कब्रिस्तान की तस्वीर बदली

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फेसबुक अपील ने किया कब्रिस्तान का कायापलट

चूरू। जहां एक तरफ सोशल मीडिया बच्चों और युवाओं के लिए एक बुरी लत बन गया है और बहुत से अपराधों का कारण भी साबित हो रहा है, वहीं चूरू शहर के युवाओं ने एक के बाद एक उदाहरण से सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग कर साबित कर दिया है कि तकनीक कभी बुरी नहीं होती, हम कैसे उसका उपयोग करते हैं, यह महत्त्वपूर्ण है। कुछ ही दिनों में रेल्वे कब्रिस्तान की युवाओं के श्रमदान से बदली तस्वीर इसका ताजा उदाहरण है।
उल्लेखनीय है कि चूरू का रेलवे कब्रिस्तान 100 वर्ष से भी पुराना है। यह कब्रिस्तान चूरू में रेलवे आने के साथ ही बनवाया गया था, जिसे आज चूरू के कई मोहल्लों जैसे नया बास, अग्रसेन नगर, शेखावत काॅलोनी, मंगला काॅलोनी, शास्त्राी मार्किट, लोहिया काॅलेज के आसपास के क्षेत्र, शिव काॅलोनी के लोग अपने परिजनों को सुपुर्द ए खाक करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कब्रिस्तान लगभग 20 बीघा भूमि में फैला हुआ है। कुछ दिनों पहले तक यह कब्रिस्तान अपनी बदहाली पर रो रहा था, चारों तरफ जंगली घास, कंटीले पेड़ और कचरा व्याप्त था। ऐसे में चूरू के हसन रियाज चिश्ती जो पिछले कुछ दिनों से रोजाना कब्रिस्तान जा रहे थे, ने सुबह कब्रिस्तान आने वाले इंजीनियर गफ्फार खान से बात कर कब्रिस्तान को साफ करने की अलख जगाई। खान भी पिछले 20 साल से रोजाना कब्रिस्तान आ रहे हैं। चिस्ती ने फेसबुक के माध्यम से लोगो से अपील की और देखते ही देखते 220 लोग व्हाट्सएप के माध्यम से एक ग्रुप से जुड़ गए और सफाई अभियान शुरू हो गया। 20 जून से शुरू हुए इस अभियान में लगभग 50 युवा लोगों की टीम सुबह 6 से 8 बजे तक अपने सीमित संसाधनों से जुट जाती और 20 दिनों में कड़े परिश्रम से लगभग जगह को साफ कर कर दिया है। यह कब्रिस्तान रेलवे की होने की वजह से यहां पर सरकारी कर्मचारी एवं बाहर के लोगों की काफी कब्रें थीं। उनके परिजन अपने पुश्तैनी गांव लौट गए, जिसके कारण बहुत सारी कब्रों की देखभाल नहीं हो रही थी। भराव एवं बरसात से मिट्टी कटाव होने के कारण बहुत सारी कब्र जमींदोज हो गई थी। इन युवाओं ने उन कब्रों को ढूंढ कर उनकी देखभाल का जिम्मा उठाया। इस युवा टीम हसन रियाज चिस्ती के नेतृत्व में रोजाना साफ सफाई करने वाले नियाज खान, हुसैन खान, जंगशेर खान, याकूब खान कबीरखानी, गफ्फार खान, यूनस खान, जोजो, रियाज तुगलक, अल्ताफ खान, अयूब खान, सद्दाम खान, रमजान खान, बिलाल तुगलक, जाकिर खान, बाबू इस्माइल खान, आरिफ खान, बाबर खान, यूनुस खान, बिनसार इमरान गौरी, शोयल खान, समीर खान, नदीम खान ,शोयब खान, दिलशाद खान, मुस्तफा खान, जावेद गौरी, आदिल खान आदि युवा इस नेक कार्य में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।हसन रियाज चिस्ती ने बताया कि युवाओं की इस मुहिम के बाद चूरू के भामाशाह भंवरु खान ठेकेदार ने आगे आकर कब्रिस्तान में अपना सहयोग दिया। वुजू करने के लिए पानी का टैंक और रास्ते के लिए सीमेंटेड ब्लॉक भी भामाशाह के द्वारा लगवाई जा रही हैं। इनमें समाज के सभी लोगों के भागीदारी है।

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