अंतरराष्ट्रीय रचनाकारों के बीच छाई डिम्पल राठौड़ की कविताएं

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युवा कवयित्री डिम्पल राठौड़ ने देश-दुनिया के हिंदी कवियों के बीच कवितापाठ कर किया प्रभावित

चूरू। साहित्योदय संस्था की ओर से आयोजित ऑनलाइन कवि सम्मेलन ‘साहित्य संग्राम’ में चूरू की डिम्पल राठौड़ ने देश-दुनिया के हिंदी कवियों के बीच स्त्राी विमर्श से जुड़ी अपनी कविताओं से प्रभावित किया।साहित्य और कला से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था साहित्योदय की ओर से रविवार शाम इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अपनी कविताओं ‘मैं नहीं जानती…’ और ‘जूती’ के जरिए स्त्री जीवन की विडंबनाओं को रेखांकित करते हुए श्रोताओं को प्रभावित किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कल्याणी कबीर की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में डिम्पल के अलावा हिंदी कवयित्री पल्लवी परतानी (कतर), डॉ मीनू मित्तल (दिल्ली), पुष्पा कर्ण (धनबाद), रंजना बंसल (रीवा), विभा तिवारी (ओमान), डॉ सुषमा तिवारी (नोयडा) ने कविता पाठ किया। संयोजन दोहा की अंकिता बाहेती ने किया। विशिष्ट अतिथि रीवा की रंजना बंसल रहीं। संजय करूणेश, सुरेंद्र सिन्हा, पंकज प्रियम, सुदेष्णा सामंत, राकेश तिवारी ने आयोजकीय प्रबंधन किया।उल्लेखनीय है कि राजगढ़ के भोजाण गांव की डिम्पल राठौड़ स्त्राी विमर्श से जुड़ी अपनी मुखर अभिव्यक्ति के लिए जानी जाती है और हाल में प्रकाशित इनका कविता संग्रह ‘जब भी मिलना’ काफी चर्चित रहा है।

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