बैजनाथ पंवार कथा साहित्य पुरस्कार कोटा के अतुल कनक को

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राजस्थानी उपन्यास ‘छेकड़लो रास’ के लिए दिया जाएगा पुरस्कार, फरवरी में प्रस्तावित समारोह में मिलेगा ग्यारह हजार रुपए का यह पुरस्कार

चूरू। प्रयास संस्थान चूरू की ओर से प्रतिवर्ष दिया जा रहा बैजनाथ पंवार कथा साहित्य पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए कोटा के प्रख्यात लेखक अतुल कनक को दिया जाएगा। कनक के राजस्थानी उपन्यास ‘छेकड़लो रास’ के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने बताया कि फरवरी 2019 में प्रस्तावित समारोह में अतुल कनक को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए, शाॅल, श्रीफल व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। इससे पूर्व यह पुरस्कार रामस्वरूप किसान, नंद भारद्वाज, मेहरचंद धामू जैसे नामचीन लेखकों को दिया जा चुका है।

राजस्थानी के सशक्त रचनाकार हैं अतुल कनक
अपनी पुस्तक ‘जूण जातरा’ के लिए वर्ष 2011 के साहित्य अकादेमी अवार्ड से सम्मानित हो चुके कोटा के अतुल कनक राजस्थानी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर हैं। प्रयास संस्थान के सचिव कमल शर्मा के अनुसार, हिंदी और राजस्थानी में समानांतर लेखन कर रहे कनक की अनेक पुस्तकें विभिन्न विधाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। राजस्थानी में उपन्यास ‘जूण जातरा’ व ‘छेकड़लो रास’, आलोचना पुस्तक ‘राजस्थानी भासा को मध्यकाल’, कविता पुस्तक ‘आओ बातां करां’, अनुवाद पुस्तक ‘मगनधूळ’ व ‘हेमांणी’ खासी चर्चित रही हैं। हिंदी में नवगीत संग्रह ‘पूव्र्या’, हिंदी व्यंग्य संग्रह ‘चलो चूना लगाएं’, कविता पुस्तक ‘प्रेम में कभी-कभी’ काफी सराही गई हैं। देश भर के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में साहित्य, कला, समाज संबंधी उनके दस हजार से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। अनेक समाचार पत्रों के लिए वे नियमित स्तंभ लेखन कर रहे हैं। साहित्य अकादेमी अवार्ड के अलावा वे ‘मेवाड़ रत्न’, ‘सहस्त्राब्दि हिंदी सेवी सम्मान’, ‘सृजन साहित्य सम्मान’ समेत अनेक अवसरों पर सम्मानित हो चुके हैं। तेरह वर्ष की आयु से वे मंचीय कविता पाठ भी कर रहे हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन से नियमित तौर पर उनकी रचनाएं प्रसारित होती हैं। दूरदर्शन के लिए उन्होंने अनेक वृत्तचित्रों का लेखन किया है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजस्थानी भाषा के पाठ्यक्रम में उनकी अनेक रचनाएं शामिल की गई हैं।

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