प्रतापगढ़। प्रदेश के सबसे ज्यादा बारिश वाले जिलों में शुमार प्रतापगढ़ के लिए मुख्यमंत्रा जल स्वावलंबन अभियान वरदान साबित हो रहा है। आमतौर पर यूं ही बहकर व्यर्थ निकल जाने वाला बरसाती पानी अब अभियान के तहत बनाए गए ढांचों में ठहरकर भूजल स्तर को बढा रहा है।
जिला कलक्टर नेहा गिरि के निर्देशों के मुताबिक जिले के पीपलखूंट ब्लॉक में पिछले दिनों हुई ड्रॉन फोटोग्राफी में भी जल संरक्षण ढांचे बखूबी भरे हुए नजर आ रहे हैं। ड्रॉन की ऊंचाई से छोटी-छोटी दिखने वाली ये जल संरचनाएं कांठल के किसानों के लिए भरपूर पानी को समेटे हुए हैं, जो आने वाले दिनों में यहां की खेती, पेयजल व्यवस्था और लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में सक्षम है।
जिला कलक्टर नेहा गिरि के मुताबिक, अभियान के दूसरे चरण में जिले की पांच पंचायत समितियों के 26 ग्राम पंचायतों के 70 गांवों में 2663 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। निर्बंध मद में 2268.72 लाख रुपए, मनरेगा मद में 324.70 लाख रुपए, जन सहयोग मद में 16.42 लाख, एमएलए मद से 87.62 लाख की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। जन सहयोग के तौर पर जिले में 2.67 लाख रुपए नकद प्राप्त हुए हैं तथा 12.53 लाख रुपए के कार्य सामग्री, संसाधन, श्रम आदि के तौर पर जन सहयोग से कराए गए हैं।
वाटरशेड एसई जीएल रोत के अनुसार जिले में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार एमपीटी, एनिकट, गेबिन स्ट्रक्चर, स्टेगर्ड ट्रेंच गार्ड, मेड़बंदी, ट्रेंच आदि का निर्माण किया गया है। इन ढांचों के निर्माण के साथ-साथ यह भी मॉनीटरिंग की जा रही है कि इनमें पानी आ रहा है कि नहीं। जिले के जो क्षेत्रा बरसात से पहले सूखे और बंजर नजर आ रहे थे, वे अब बरसात के दिनों में जलपात्रा बने नजर आ रहे हैं। एमजेएसए में होने वाले पौधरोपण से ये क्षेत्रा आने वाले समय में और हरे-भरे नजर आएंगे।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ वीसी गर्ग का कहना है कि बरसात के शुरुआती दौर में ही जल संरक्षण कार्यों में बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं और प्रशासन के साथ-साथ आमजन में इसे लेकर उत्साह का माहौल है। आने वाले दिनों की बरसात में इन स्ट्रक्चरों में और पानी आएगा तथा अधिक बेहतर स्थितियां भी देखने को मिलेंगी। वे कहते हैं कि निश्चित तौर पर ऐसी संरचनाओं से सीधे लाभ के साथ-साथ भूजल स्तर में भी सुधार होता है और जिले के अनेक स्थानों पर अभी से ही इसका लाभ दिखने लगा है।
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