राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148 वीं जयंती

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चूरू। भारत रत्न लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148 वीं जयंती जिला कारागृह, चूरू में मंगलवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पुरस्कृत शिक्षक फोरम के जिला सचिव ओमप्रकाश तंवर ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे। उन्होंने आजादी के समय देश में बिखरी हुई 562 रियासतों को अपनी कूटनीति, दूरदर्शिता और बौद्धिक चातुर्य से एकता के सूत्र में संगठित कर भारतीय गणराज्य की स्थापना करने में अपना अनूठा योगदान प्रदान किया जिसे देश हमेशा याद रखेगा। गुजरात में किसान झबेर भाई पटेल के घर जन्मे सरदार पटेल कुशाग्र बुद्धि थे। उन्होंने बैरिस्टर की शिक्षा ब्रिटेन में प्राप्त की और उन्होंने बैरिस्टर की अंतिम परीक्षा में ब्रिटिश साम्राज्य के विद्यार्थियों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त कर एक कीर्तिमान स्थापित किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवा निवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी सूर्य प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि सरदार पटेल ने अपना सम्पूर्ण जीवन देश को समर्पित कर दिया था। देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री के रूप में जो सेवाएं दी उनके लिए सम्पूर्ण राष्ट्र उन्हें याद रखेगा। गुजरात के नर्मदा जिले में केवाड़िया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के मध्य स्थित स्टेच्यू आॅफ यूनिटी सरदार पटेल द्वारा देश की एकता एवं अखंडता के लिए की गई सेवाओं का स्मरण करवाता रहेगा। किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता ताराचंद सैनी ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों ने सरदार पटेल के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंत में जेलर कैलाश सिंह शेखावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर नर्सिंग आॅफिसर बाबूलाल मीणा , जेल के एच.सी. महेंद्र सिंह, प्रहरी रामजीलाल, नरेश कस्वां, अनिता कंवर आदि उपस्थित थे।

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