राजस्थान मिशन 2030 के लिए गहन परामर्श सम्मेलन आयोजित, हितधारकों ने कहा – जल संरक्षण महत्ती आवश्यकता
चूरू । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशानुरूप वर्ष 2030 तक राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में आयोजित किए जा रहे राजस्थान मिशन 2030 के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा गुरुवार को आपणी योजना कार्यालय परिसर में गहन परामर्श एवं सुझाव कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पीएचईडी अधीक्षण अभियंता रमेश कुमार राठी ने कहा कि हमें राज्य को अग्रणी बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। जल संरक्षण समय की मांग है। उन्होंने जिले की प्रगति के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जिले का राज्य स्तर पर 9 वां स्थान है। विभाग के सभी हितधारकों की सक्रिय भूमिका से ही य संभव हो पाया है।
इस अवसर पर बूंटिया गांव के शकंरलाल महर्षि ने कहा कि पेयजल की व्यर्थ बर्बादी को रोकने में जन प्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कविताओं के माध्यम से उपस्थित हितग्राहियों को मिशन 2030 में अपने सुझाव देने हेतु प्रेरित किया।
विनोद कुमारी ने जल गुणवत्ता के बारे में उपस्थित जन समूह को जानकारी देते हुए नियमित जांच करने की आवश्यकता, पार्षद मोहमद हुसैन निर्वाण ने ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संरक्षण, अधिशाषी अभियन्ता तारानगर रामनिवास ने जिले का ज्यादातर क्षेत्रफल पर जलापूर्ति सतही जल पर आधारित होने के कारण होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताते हुए बचत के तरीकों के सुझाव दिए।
जिला एचआरडी सलाहकार राजूराम शर्मा ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत सहायक गतिविधियों व जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। अधीक्षण अभियन्ता रमेश कुमार राठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन सहायक प्रशासनिक अधिकारी उमेश दाधीच ने किया एवं आईईसी कोर्डिनेटर अनुज कुमार शर्मा ने सहयोग किया।
इस दौरान असलम खोखर, अधिशाषी अभियन्ता रामावतार सैनी, मुकेश कुमार मानतवाल, रामदयाल मीणा, लाल बहादुर गोदारा, सहायक अभियन्ता अभिनव मौर्य, मंजर अली खान, नीतू, साक्षी चाहर, पूजा शर्मा, दीक्षा कटारिया, कार्यान्वयन सहायता एजेन्सी वाणी संस्था के सदस्य, कनिष्ठ अभियन्ता, एनजीओ व डीपीएमयू पदाधिकारी, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में हितधारकों ने भाग लिया और अपने सुझाव व्यक्त किए।