जिला कलक्टर डॉ प्रदीप के गावंडे की अध्यक्षता में हुई जिला पशुधन विकास समिति की बैठक
चूरू। जिला कलक्टर डॉ प्रदीप के. गावंडे ने कहा है कि पशुपालन भी कृषि के साथ-साथ चूरू जिले के लोगों की आजीविका का प्रमुख आधार है, इसलिए पशुधन विकास से जुड़ी योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन होना चाहिए ताकि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार पशुपालकों को इनका समुचित लाभ मिले।
जिला कलक्टर गुरुवार को कलक्ट्रेट में जिला पशुधन विकास समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पशुधन विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमश करते हुए एलडीएम सी के सेतिया सेकहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि बैंकों में पशुपालकों के ऋण आवेदन समुचित ढंग से इंटरटेन हों तथा संवेदनशीलता से उनका निस्तारण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न सब्सिडी एवं ऋण योजना में अब तक आए आवेदनों की सूचना तैयार करें और एक चैकलिस्ट बनाएं कि किस योजना के लिए किस-किस तरह के दस्तावेज आवेदक को प्रस्तुत करने हैं। उन्होंने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 पर चर्चा करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसमें एक करोड़ रुपए तक की सब्सिडी है, ऎसी योजना में भी पात्र लोगों को समुचित लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों की समुचित पालना सुनिश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुधन विकास से जुड़े अधिकारियों का आपस में संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि किसी भी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन रूकना नहीं चाहिए।
बैठक में एडीएम रामरतन सौंकरिया, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ जगदीश बरवड़, सहायक निदेशक डॉ निरंजन चिरानियां, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, कृषि उप निदेशक पीके सैनी, कमिश्नर द्वारका प्रसाद, एलडीएम सी के सेतिया, अशोककुमार शर्मा सहित अधिकारीगण मौजूद थे।