मंगलपाठ व डैरु भजनोत्सव से रीझाया मां जीण को
चूरू। कुलदेवी मां जीण भवानी परिवार की ओर से हर्ष-जीण की जन्मस्थली निकटवर्ती ग्राम घांघू में शुक्रवार शाम सामुदायिक भवन से निशान यात्रा के साथ शुरू हुए जीण महोत्सव में जीण भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। निशान यात्रा में नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने लोकवाद्य डैरू की ताल पर गांव के मुख्य मार्गों से होते हुए जीण मंदिर पहुंचकर मां जीण को ध्वज और चूनड़ अर्पित की।
देशभर से पधारे जीणभक्तों द्वारा जीण भवानी की ज्योत जागृत करने के बाद शुरू हुए कार्यक्रम में घांघू ग्राम पंचायत के सरपंच जयप्रकाष शर्मा, उप सरपंच लक्खूसिंह, मंदिर समिति के दीपसिंह राठौड़ व मंदिर के पुजारी नंदलाल शर्मा का साफा पहनाकर व प्रतिमा भेंटकर अभिनन्दन किया गया। इसके बाद मां जीण शक्ति मंगलपाठ का शुभारंभ हुआ। मंगलपाठ में कोलकाता के प्रसिद्ध भजन गायक नीरज अग्रवाल, जयपुर के महेश बबेरवाल, इन्दौर के हिमांशु सिंघल, छिंदवाड़ा की आशा राजपूत द्वारा भजनों के साथ संगीत की लय में मां जीण का मंगलपाठ किया गया। जीण जीण भज बारम्बारा हर संकट हो निस्तारा चौपाई से मंगलपाठ में श्रद्धालुओं ने स्वर से स्वर मिलाए। इस अवसर पर मां जीण का आकर्षक श्रंगार किया गया और छप्पन भोग सहित विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
मंगलपाठ के बाद लोक परम्परा को जीवित रखने के साहसिक प्रयास के क्रम में अबोहर (पंजाब) के लोक गायक देशराज निराणियां व उनकी टीम द्वारा लोकवाद्य डैरु नृत्य का आगाज हुआ जिसे देखकर श्रद्धालु मां जीण की भक्ति में सराबोर होकर नाचने लगे। अबोहर (पंजाब) के प्रसिद्ध भजन गायक राजू निराणिया ने जीण भवानी तू तो गोरियां की महारानी…, आणो पड़सी जी मईया आदि एक से बढ़कर भजनों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पूर्व में मंदिर परिसर में आयोजित के भण्डारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में आए श्रद्धालुओं के मां जीण व अखण्ड ज्योत के दर्शन कर पूजा अर्चना की। कुलदेवी मां जीण भवानी परिवार ने कार्यक्रम में सहयोगियों व घांघू ग्रामवासियों के प्रति आभार प्रकट किया।