गोचर भूमि पर अतिक्रमियों को पट्टे जारी करने के आदेश निरस्त करने की मांग

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मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को दिया ज्ञापन

चूरू। राजस्थान गोसेवा समिति के प्रदेशव्यापी आह्वान पर बुधवार को समिति चूरू के प्रतिनिधियों ने गोचर भूमि पर अतिक्रमण करनेवालों को पट्टा जारी किए जाने के आदेश निरस्त करने मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा।
राजस्थान गोसेवा समिति चूरू के जिला अध्यक्ष विमल सारस्वत के नेतृत्व में जगदीश जैसनसरिया, मूलचंद तिवाड़ी, पवन पौद्दार, विमल जोशी, श्रीराम पीपलवा, सुशील बजाज, महेश मिश्रा, योगेश गौड़ व महेश गौड़ आदि ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर को दिया।मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान गोसेवा समिति ने बाताया है कि चारागाह भूमि गोवंश के लिए वर्षों पूर्व छोड़ी गई थी। आजादी के बाद समय समय पर राज्य सरकारों द्वारा गोचर भूमि का आबादी, उद्योगों व राजकीय भवनों आदि के लिए खूब उपयोग किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप अब चारागाह की अब नाम मात्र की भूमि बची है।ज्ञापन में बताया गया है कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए सख्त कानून के तहत सजा के प्रावधान के बावजूद अतिक्रमण अनवरत बढ़ रहा है। दूसरी ओर इस तरह के आदेश दिए जाने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद है। जबकि राजस्व अधिकारियों द्वारा जिनके अतिक्रमण हटाए थे वे भी आदेश की आड़ पुनः कब्जे करने शुरू कर दिए है।राजस्थान गोसेवा समिति ने ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि कुछ सरीफ लोगों के अतिक्रमण हटे हैं लेकिन भूमाफियाओं द्वारा राजस्व कर्मियों से मिलिभगत कर अतिक्रमण नहीं हटाया गया है बल्कि सरकार नियमन कर रही है। समिति ने आदेश तत्काल निरस्त करने की मांग के साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि वह आदेश वापस नहीं लेगी तो प्रदेश में आन्दोलन किया जाएंगा।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करनेवालों में हरिशंकर पुजारी सालासर, ओमप्रकाश पारीक नाकरासर, सहीराम पिलाणिया, फूलचंद पिलाणिया, बजरंगलाल सहारण, लक्ष्मीनारायण सुथार, अशोक पारीक, शैलेन्द्र शर्मा आदि कार्यकर्ता शामिल थे।

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