
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
रविवार को दलित शोषण मुक्ति मंच की बैठक शिक्षक भवन में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता गोविंदराम जैदिया ने की। एडवोकेट फूलचंद बर्बर ने बताया कि दलित शोषण मुक्ति मंच एक ऐसा मंच है। जो दलित तबके के लोग जो राजनीतिक रूप से उभरना चाहता है। परंतु विचारहीन है उनको साथ जोड़ने का। सिर्फ दलित शब्द बोलने से समाज के लोगों का जुड़ाव नहीं होगा। उसके लिए लोगों की भावनाओं को समझ कर उनकी मांगों को पूरा करवाने का प्रयत्न किया जाए। रणनीति बनाकर ये मंच समाज कल्याण विभाग या अन्य दलितों के मुद्दों को चिह्नित कर उनकी लड़ाई लड़े। जिससे जनमानस का जुड़ाव इस मंच से हो सके। प्रभुराम नारनौलिया ने बताया कि दलितों पर दिन प्रतिदिन अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। दलितों पर अत्याचार एक गंभीर समस्या है। जो भारतीय समाज में ऐतिहासिक रूप से मौजूद है और कई रूपों में सामने आती है। जैसे सामाजिक बहिष्कार, हिंसा और आर्थिक असमानता। यह एक जटिल सामाजिक मुद्दा है। जिसके लिए जागरूकता अभियानों और सामाजिक सुधारों की आवश्यकता है। जिसके लिए दलित शोषण मुक्ति मंच एक अच्छा मंच साबित होगा। बैठक में उपस्थित साथियों ने जिला सम्मेलन पर चर्चा करते हुए फैसला लिया कि जनवरी 2026 में दलित शोषण मुक्ति मंच का जिला सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बैठक के अंत में संयोजक मंडल का गठन किया गया। जिसमें सचिन चोपड़ा को जिला संयोजक तथा राजेश आलड़िया और अजीत धनुरी को जिला सह संयोजक बनाया गया। बैठक में फूलचंद बर्बर, राजेश बिजारणिया, धन्नाराम सैनी, सुमेर बुडानिया, प्रभुराम नारनौलिया, महिपाल पूनियां, पंकज गुर्जर, राजेश आलड़िया, निकिता शर्मा, सचिन चोपड़ा, गोविंदराम जैदिया, आशु चौधरी, आशीष पचार नवलगढ़, अरुण छोटू, अजीत धनूरी, शिवनाथ महला, विकास जैदिया, पूजा नायक, योगेश कटारिया आदि मौजूद रहे।














