मुस्लिम भाइयों की ओर से दादाबाड़ी में हुए दिवाली स्नेह मिलन में जिला कलक्टर, एसपी सहित जुटे विभिन्न धर्म-संप्रदायों से जुड़े लोग
चूरू। सांप्रदायिक सद्भाव के लिए मशहूर चूरू में शनिवार को अनूठा नजारा देखने को मिला, जब मुस्लिम भाइयों की ओर से आयोजित दिवाली स्नेह मिलन में जुटे विभिन्न धर्म-संप्रदायों से जुड़े लोगों ने जोशोखरोश से शिरकत की और एक-दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रियाजत खान की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने कहा कि चूरू में रहते हुए उन्होंने एक खास चीज महसूस की है, वो है यहां की गंगा-जमुनी तहजीब। यहां के लोग जिस तरह से मिल-जुलकर रहते हैं, वह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव का कोई विकल्प नहीं है और बात चूरू के लोगों ने अच्छी तरह समझ ली है। उन्होंने ऎसे खूबसूरत आयोजन के लिए रियाजत खान और उनकी टीम की सराहना की।पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने कहा कि चूरू में जिस तरह का सांप्रदायिक सद्भाव है और सामाजिक सौहार्द है, उससे शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने में बहुत मदद मिलती है। उन्होंने शायराना अंदाज में दिए अपने संबोधन में रियाजत खान की सराहना की और कहा कि ऎसे आयोजनों से आपसी भाईचारे और परस्पर समझ को बल मिलता है। महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि भले ही पूरी दुनिया में घूम आओ, चूरू आने के बाद जो सुकून मिलता है, वह कहीं भी नहीं है। इसके पीछे चूरू के लोगों का प्रेम और उनकी मिली-जुली संस्कृति ही है। उन्होंने कहा कि चूरू आने के बाद कभी भी उन्हें यह शहर पराया नहीं लगा। रियाज ने कहा कि धर्म एक निजी मसला है लेकिन कोई भी धर्मग्रंथ किसी दूसरे धर्म के अनुयायियों को नुकसान पहुंचाने की बात नहीं कहता है। सभी धर्मों में अच्छाइयां हैं, हमें उनको अपनाना चाहिए।शहर इमाम अनवार अहमद कादरी ने कहा कि दुनियाभर की बांटने वाली ताकतें देश के माहौल को खराब करने में जुटी हुई हैं लेकिन हम भारत के सद्भावी लोग कभी माहौल खराब होने नहीं देंगे। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि यह सियासत की नहीं, फकीरों की धरती है, जहां मुहब्बत पलती है। राजस्थान की इस धरती में आंधियां चलती हैं और खेतों में फसल भले ही बरसात पर निर्भर हो लेकिन यहां इंसानियत की फसल बहुत अच्छी है। रियाजत खान जैसे इंसान इस नेक काम को आगे बढा रहे हैं, यह बड़ी बात है। संत ध्यान नाथ महाराज ने कहा कि कोई भी मजहब आपस में बैर रखना नहीं सिखाता है। रियाजत खान की ओर से हर वर्ष यह स्नेह मिलन कार्यक्रम किया जाता है, यह चूरू की एक जोरदार पहचान को पेश करता है। चूरू की यह पहल दूसरे सभी लोगों के लिए एक उदाहरण है। हम सब आपस में मिल-जुलकर रहेंगे, तभी यह देश और समाज खुशहाल बनेगा।आईआरएस राजकुमार प्रजापत ने कहा कि चूरू में इतना अच्छा सांप्रदायिक सद्भाव है कि ईद और दिवाली पर बाजार में खरीद करते लोगों की फोटो देखकर बिना कैप्शन के कोई अंतर भी नहीं कर सकता है। उन्होंने चूरू के सांप्रदायिक सद्भाव से जुड़े संस्मरण पेश किए। वरिष्ठ समाज सेवी और लोहिया कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष हनुमान कोठारी ने चूरू के भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए कहा कि हिंदुस्तान की धरती ने हमेशा नफरत फैलाने वाले और बांटने वाले लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। डॉ बीके चौधरी ने कहा कि चूरू में रहकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि यहां कभी भी सांप्रदायिक माहौल खराब नहीं हुआ और यदि किसी प्रकार की घटना हुई भी तो यहां के गणमान्य लोगों ने बड़ी ही समझदारी से उसे निपटाया।एचएन नर्सिंग होम के डॉ मुमताज अली ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को बढाने वाले ऎसे प्रोग्राम देखकर बहुत खुशी होती है। उन्होंने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सब मिलकर रहेंगे तो कोई बाहरी ताकत हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती है। प्रो. कमल कोठारी, इदरीश राज खत्री और अब्दुल मन्नान मजहर ने कविता और शायरी के मारफत चूरू के सांप्रदायिक सद्भाव और भाइचारे की तहजीब को उजागर किया। संचालन वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधेश्याम चोटिया ने किया। संयोजक रियाजत खान ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि चूरू के लोगों की मुहब्बत है कि वे ऎसा कार्यक्रम हर साल कर पाते हैं। इससे पहले पूर्व प्रधान रणजीत सातड़ा, पूर्व सरपंच रामनिवास सहारण, जमील चौहान, नरेंद्र शर्मा, राजेंद्र कल्ला, राजकुमार सारस्वत, हनीफ खां नसवाण, मकसूद अली, मुबारिक भाटी, सिराज अली जोइया, राजीव बहड़, अंजनी शर्मा, दीपिका सोनी ने स्वागत किया। कार्यक्रम में क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष चिमनाराम कारेल, डॉ अहसान गौरी, अरविंद भामासी, इमरान खोखर, चांद मोहम्मद छींपा, अबरार खां, इं. सुरेश शर्मा, उमाशंकर शर्मा, शेर खान मलकाण, विकास मील, हेमंत सिहाग, अरविंद बाघ, विकास बेनीवाल, अब्बास खां मोयल सहित बड़ी संख्या में शहर के लोग मौजूद थे।।