संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन गांव में देशभर से जुटेगें 1008 प्रतिनिधि
सनातन धर्म की रक्षा के लिए आम सनातनियों की राय से तय मुद्दो पर दो सदनों में पारित होगें प्रस्ताव
वाराणसी। धर्मनगरी काशी में अगले माह ज्योतिषपीठ एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामीश्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की ‘धर्म संसद 1008’ बैठने जा रही है। उनके आशीर्वाद—आदेश से नवगठित धर्म विचार की इस सर्वोच्च सभा में सनातन धर्म से जुडे विभिन्न मुद्दो पर 1008 प्रतिनिधि विचार मंथन करेगें। धर्म संसद के दो सदनों में क्रमश: पारित प्रस्तावों के आधार पर बतौर परमधर्माधीश शंकराचार्य परमधर्मादेश जारी करेगें। इसे केंद्र सरकार को देने के साथ आमजन के लिए भी प्रकाशित किया जाएगा।
आगामी 25 से 27 नवम्बर तक आयोजित धर्म संसद 1008 की पहली जुटान के लिए संतरविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धन गांव को चुना गया है साथ ही अगले साल 29 व 30 जनवरी को प्रयागराज में दूसरी जुटान का खाका खींचा जाने लगा है। यह भी तय किया गा है कि सनातन धर्मियों के मार्गदर्शन के लिए धर्म संसद आगे भी अलग—अलग धर्म स्थलों पर जुटान होती रहेगी। फिलहाल संस्थापक व शंकराचार्य प्रतिनिधि शिष्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में पहली धर्म संसद की तैयारियां शुरू कर दी गई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया कि धर्म संसद 1008 सनातनियों के मार्गदर्शन के लिए धर्म विचार की सर्वोच्च सभा होगी।
बहुमत व विशेषज्ञ मत :—
धर्म संसद 1008 में संसदीय क्षेत्रवार देशभर से सनातनधर्म को जीने व समस्यसाओं का अनुभव करने वाले 543 धर्मांसद बनाए गए है। सनातन धर्म के 281 संत, विद्वानों, नेताओं के साथ ही धार्मिक संस्थाओं के 184 प्रतिनिधियों व विशिष्टजनों को भी भागीदारी दी गई है। सनातन धर्म के लिए अत्यंत महत्व रखने वाली संख्या 1008 के लिहाज से धर्म संसद में इतने ही आसन बनाए गए है। इसमें संसदीय प्रतिनिधियों के बहुमत के बाद वर्तमान लोक रीति—नीति अनुशीलन से विशेषज्ञ मतानुसार प्रस्ताव पारित होगें।
संसद की तर्ज पर कार्रवाई :—
आम सदन में बहुमत से पारित प्रस्ताव विशेषज्ञ सदन में चर्चा के लिए आएगें। इसकी कार्रवाई संसद की तरह ही चलाई जाएगी। इसके लिए उत्तरप्रदेश विधानसभा में ढाई दशक तक सेवा दे चुके राजेन्द्र पांडेय के नेतृत्व में 18 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। संसद की कार्रवाई रिकार्ड करने के साथ ही प्रकाशित भी की जाएगी।
दीर्धा में सर्वधर्म व राजनीतिज्ञ :—
धर्म संसद दीर्धा में सर्वधर्म के आठ सदस्य होगें। न्यूनतम दस संसदीय सीट वाले दलों के प्रतिनिधि भी आमंत्रित है। आमजन भी कार्रवाई देख सकेगें।
सोशल मीडिया पर भी होगी रायशुमारी :—
धर्मसंसद में विचार के लिए सोशल मीडिया पर रायशुमारी की जाएगी। इसके लिए आगामी 10 नवम्बर को धर्म संसद की वेबसाईट www.dharmasansad.in लॉंच की जाएगी। फेसबुक, ट्वीटर समते सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी सनातन धर्म से जुडे स्थानीय मुद्दो पर ध्यान आकर्षित कराया जा सकेगा। इसके आधार पर प्राथमिता के मुद्दे तय किए जाएगें और इन्हे 15 नवम्बर को जारी भी किया जाएगा।