चूरू। हिन्दी साहित्य संसद द्वारा नगरश्री के प्रांगण में बनवारी लाल शर्मा की पांचवी पुण्यतिथि पर एक काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। डाॅ राम कुमार घोटड़ की अध्यक्षता में हुये कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भंवर सिंह सामौर थे। तथा इस अवसर पर चूरू के लाड़ले कवि ‘सुरेन्द्र पारीक रोहित‘ को प्रतीक चिन्ह, शाल, प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान राशि भेंट कर बनवारी लाल शर्मा‘ स्मृति साहित्यकार सम्मान से नवाजा गया। संसद के अध्यक्ष श्री बनवारी लाल शर्मा ‘खामोश‘ ने स्वागत भाषण में कहा कि यह बनवारी लाल जी का व्यक्तित्व ही था जो आज उनकी स्मृति में हुये आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में आप लोग आये। श्री सामौर ने कहा कि बनवारी लाल जी न केवल बहुत अच्छे कवि थे, अपितु वे एक चिंतक, शोधकर्ता एवं व्याकरण के ज्ञाता थे। डाॅ घोटड़ ने बताया कि वे जब भी डाॅ श्यामसुन्दर के साथ उनके पिताजी श्री बनवारी लाल जी से मिलता था कविता और साहित्य के क्षेत्र में कुछ ना कुछ सीखता था। इस अवसर पर हुई काव्य गोष्ठी में शर्माजी के पोते अभिमन्यू शर्मा सहित विजयकान्त, सुधिन्द्र, सुधि, सुनीती कुमारजी रासबिहारी माथुर, रामकुमार शर्मा रसिक, संतोष कुमार पंछी, भंवर सिंह सामौर, बनवारी लाल खामोश तथा सुरेन्द्र पारीक रोहित ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अन्त में शर्माजी के ज्येष्ठ पुत्र डाॅ श्यामसुन्दर शर्मा ने सदन एवं मंच को धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके अलावा अनुज राजकुमार, विनोद पाठक, अरविंद, नवनीत, भारतभूषण, और कैलाश शर्मा उपस्थित थे।