योगी ने किया वादा पूरा : किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ

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लखनऊ। यूपी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक का आयोजन मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुआ। बैठक में प्रदेश के दो करोड से अधिक लघु और सीमांत किसानों को फायदा देते हुए उनका एक लाख
रूपये तक का कर्जा माफ करने का अहम फैसला लिया गया। सरकार ने किसानों का कुल मिलाकर 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया। सरकार ने किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया फसली कर्ज माफ किया है। इसके लिए सभी किसानों के खातों में फौरन भुगतान किया जाएगा। इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36,359 करोड रूपये का बोझ आएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में राज्य के किसानों के हित में ये बड़ा फैसला किया गया, जो विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में प्रमुख मुद्दा था।
कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘लघु एवं सीमांत किसानों के विषय में जो महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट ने किया है, वह फसली कर्ज से संबंधित है। गत वर्ष सूखा पडा, ओलावृष्टि हुई और बाढ आई, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ। उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड लघु एवं सीमांत किसान हैं’ जिनका ऋण माफ किया गया है क्योंकि ये किसान बड़ा ऋण नहीं लेते, इसी अंदाज से एक लाख रुपये तक का ऋण उनके खाते से माफ किया जाएगा’।

उन्‍होंने कहा कि साथ ही सात लाख किसान और हैं, जिन्होंने कर्ज लिया था और उसका भुगतान नहीं कर सके, जिससे वह ऋण गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया और उन्हें कर्ज मिलना बंद हो गया ऐसे किसानों को भी मुख्यधारा में लाने के लिए उनके कर्ज का 5,630 करोड़ रुपये माफ किया गया है’। इस तरह कुल मिलाकर किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है’।

इससे पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों को मीडिया के सामने रखा। उन्‍होंने बताया कि बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है। सरकार 80 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदेगी, इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया।

उन्‍होंने सीएम योगी आदित्‍यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्‍ते को लेकर कहा कि ‘अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्‍थल पर बैठे हैं, तो अनावश्‍यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’।

उन्‍होंने बताया कि ‘सरकार ने पाया है कि आलू के उचित मूल्‍य किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है. सरकार ने बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्‍ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें’। उन्‍होंने आगे बताया कि ”यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्‍य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्‍यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्‍ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्‍यम से एक अच्‍छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें, इसके लिए यह मंत्री समूह कई प्रदेशों में जाएगा’। उन्‍होंने आगे कहा कि ‘राज्‍य में जिस तरह से अपराध का बोलबाला रहा है, उस पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अवैध खनन पर निगरानी के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है।

उल्‍लेखनीय है कि चुनावों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उससे पहले बीजेपी के संकल्‍प पत्र (घोषणापत्र) में भी ऐसा ही चुनावी वादा किया गया था। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है।

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