घांघू में सजा बाबा श्याम का दरबार, भीलवाड़ा की आकृति मिश्रा ने सुनाये सुमधुर भजन….

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घांघू। गांव घांघू में गुरूवार रात्री को भार्गव मोहल्ले में श्री श्याम भार्गव सेवा संघ घांघू द्वारा बाबा श्याम का भव्य दरबार सजाया गया । श्याम बाबा की ज्योत प्रज्वलित करने के बाद श्याम बाबा के कीर्तन का भव्य शुभारंभ सीकर से पधारे गायकार अमित खण्डेलवाल ने गणेश वंदना से किया। उन्होने लहरा दे लहरा दे झण्डा बजरंगली का सुनाया तो श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। बाबा श्याम के इस भजन कीर्तन को गायकार प्रेम शर्मा लक्ष्मणगढ़ ने परवान चढ़ाया उन्होंने श्याम बाबा की जय, खाटू वाले की जय, बोलो बोलो प्रेमियो श्याम बाबा की जय… सुनाया तो श्रोता झूमने लगे। उनके भजन मेरे श्याम आये है… कीर्तन की है रात बाबा आज थानै आणो है.…मोर छड़ी लहराई रै , रसिया ओ सांवरा, तेरी बहुत बड़ी संकलाई रै… इन भजनों पर श्रोता खूब थिरके । श्याम बाबा भजन कीर्तन की विशेष गायकर आकृति मिश्रा भीलवाड़ा ने कार्यक्रम में जोरदार प्रस्तुति पेश की जिस पर सम्पूर्ण दरबार में बैठे श्रोता खड़े होकर नाचने लगे। आकृति मिश्रा ने भजन लेने आजा खाटू वाले रिंगस के उस मोड़ पे…., हे मेरा दिल श्याम का दीवाना…., ओ पालन हारे निर्गुण और न्यारे, तुम्हरे बिन हमरा कोई नहीं…, साची साची कहदे रै बाबा मैं तेरी कोन लागू, तू मेरा कोण लागै….,
यह तो प्रेम की बात है उद्धो , बंदगी तेरे बस की नही है…., आदि भजनों पर खूब श्रोताओं की दाद बटोरी। आकृति मिश्रा ने अपना हिट भजन लीलण म्हारी ज्याजे -ज्याज़े गढ़ खरनाले शहर मायड़ नै निवण कहिज्यै सुनाया तो श्रोताओं का जोश सातनवें आसमान पर पहुंच गया और सबने गाते हुए झूमकर कलाकार का उत्साह बढ़ाया । भजन कीर्तन के इस कार्यक्रम में इत्र वर्षा और पुष्प वर्षा आकर्षण का केंद्र रही। श्री श्याम भार्गव सेवा संघ घांघू के कार्यक्रताओं और समस्त भार्गव समाज ने आयोजकीय भूमिका निभाई । इस मौके पर घांघू सहित आसपास के क्षेत्र के हजारों श्याम प्रेमियों ने भजन कीर्तन का रसास्वादन किया । इस मौके पर श्री श्याम भार्गव सेवा संघ घांघू के प्रभु दयाल जी भार्गव, महेश भार्गव,संजय भार्गव,विक्रम भार्गव,गुलशन भार्गव,ताराचंद भार्गव,अक्षय भार्गव,गोलू भार्गव,रवि भार्गव,प्रदीप भार्गव,विजय भार्गव,देवकरण भार्गव,वेदप्रकाश भार्गव,पवन भार्गव,मुकेश भार्गव,सुनील भार्गव,मोनू भार्गव,राहुल भार्गव,मुरारी लाल भार्गव,बंटी भार्गव,कुलदीप भार्गव,गोपाल भार्गव,मोतीराम भार्गव,अजय भार्गव,भवरलाल भार्गव,गौरीशंकर भार्गव,मांगीलाल भार्गव,किशोरीलाल भार्गव, चंदन भार्गव ने सहयोग किया।

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