बाल श्रम एवं बंधुआ मजदूरी के खिलाफ 31 मई तक चलेगा विशेष अभियान, एक्शन मंथ में कार्रवाई के लिए निर्देश
चूरू। एडिशनल एसपी (स्पेशल सेल, वूमन इन्वेस्टीगेशन) देवानंद ने कहा है कि बाल श्रम एवं बंधुआ मजदूरी एक सभ्य समाज के माथे पर कलंक है और एक दंडनीय आपराधिक कृत्य है। इसलिए सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी टीम बनाकर 31 मई तक चल रहे एक्शन मंथ में विशेष कार्रवाई करें ताकि बालश्रम पर पूरी तरह अंकुश लग सके और ऎसा करवाने वाले लोगों को सबक मिल सके। एएसपी देवानंद गुरुवार को बालश्रम एवं बंधुआ मजदूरी के विरूद्ध चल रहे एक्शन मंथ को सफल बनाने के लिए कलक्ट्रेट सभाागार में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी टीमों को सक्रिय करें और प्रभावी कार्रवाई करें। अपने क्षेत्र के ईंट-भट्टों, कारखानों आदि पर मॉनीटरिंग रखें और इससे संबंधित जानकारी उनके टिप्स पर होनी चाहिए।
एएचटीयू प्रभारी अल्का ने विभिन्न अधिनियमों और कानूनों की जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रकार के प्रकरणों में प्रभावी कार्रवाई होने से ही अन्य को सीख मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी बाल कल्याण अधिकारी इस अभियान को सफल बनाने में प्रभावी भूमिका निभाएं तथा सभी विभागों, एनजीओ आदि से सहयोग लें। उन्होंने कहा कि अभियान को गंभीरता से लें और प्रभावी मॉनीटरिंग करते हुए कार्यवाही करें। उन्होंनेे बताया कि प्रत्येक थाना क्षेत्र पर बाल कल्याण अधिकारी नियुक्त किया गया है।।बाल कल्याण समिति के सदस्य एडवोकेट मनोज सैनी ने कहा कि सभी विभाग और संस्थाएं मिलकर काम करें तो इसमें बेहतर रिजल्ट आ सकते हैं। उन्होंने विभिन्न नियमों की जानकारी दी और कहा कि कार्रवाई के दौरान प्रेक्टिकल एप्रोच अपनाई जानी चाहिए और हमें यह देखना चाहिए कि बाल श्रम या बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराए गए बच्चों का समुचित पुनर्वास हो। इस दौरान बालक और कुमार श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986, संशोधित अधिनियम 2016 तथा अन्य संबंधित कानूनों की विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान बाल कल्याण समिति सदस्य हरफूल सिंह पचार, आईसीडीएस डीडी सीमा सोनगरा, बाल अधिकारिता विभाग के रामनिवास, श्रम विभाग के मानसिंह, भरत सिंह एएसआई, भागीरथ, बीएसएसओ राजेशकुमार सहित सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।