सामाजिक सुरक्षा की दिशा में ऎतिहासिक कदम यूनिवर्सल हैल्थ बीमा – गहलोत

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मुख्यमंत्री ने किया मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं 18-45 आयु वर्ग के टीकाकरण का शुभारंभ, चूरू जिले के 20 अस्पतालों में उपलब्ध है योजना का लाभ

चूरू। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विकसित देशों की तरह जरूरतमंद, असहाय एवं वंचित वर्ग को स्वस्थ एवं सम्मानपूर्वक जीवन यापन की सुविधा देने तथा अमीरी-गरीबी की खाई को पाटने के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का समय आ गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इसी दिशा में राजस्थान सरकार का ऎतिहासिक कदम है, जो प्रदेश के लोगों को इलाज के भारी भरकम खर्च की चिंता से मुक्त कर देगा। गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो
कॉन्फ्रेंस से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए निःशुल्क टीकाकरण का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने योजना की वेबसाइट chiranjeevi.rajasthan.gov.in का शुभारंभ किया।इस दौरान जिला मुख्यालय स्थित आईटी केंद्र में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा, जिला प्रमुख वंदना आर्य, सभापति पायल सैनी, उप प्रमुख महेंद्र सिंह, तारानगर प्रधान संजय कस्वां, सीईओ सत्तार खान, एसडीएम अभिषेक खन्ना, पीएमओ डॉ एफएच गौरी, सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, एसीपी मनोज गरवा सहित अधिकारी, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा ने बताया कि फिलहाल मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जिले के 20 चिकित्सालय संबद्ध किये गये हैं। जिले में ­ राजकीय डेडराज भरतिया चिकित्सालय चूरू, राजकीय उप जिला चिकित्सालय रतनगढ़ व सुजानगढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तारानगर, राजगढ़, सरदारशहर, बीदासर, घांघू, दुधवाखारा, रतननगर, बजरांगसर, जैतसीसर, कानूता, पड़िहारा, राजलदेसर, साहवा, सालासर, सांखू, सांडवा तथा निजी चिकित्सालयों में जेठीदेवी मेमोरियल अस्पताल, सुजानगढ़ को संबद्ध किया गया है।

दूसरे राज्य भी करें ऎसी योजना पर विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना के बाद हर प्रदेशवासी को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के उद्देश्य से यूनिवर्सल स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाला राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नेतृत्व में देश में सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिकार आधारित युग की शुरुआत हुई। उस समय देशवासियों को सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा और महात्मा गांधी नरेगा जैसे अधिकार आधारित कार्यक्रमों की सौगात दी गई। मनरेगा जैसा कार्यक्रम कोविड संकट में गरीब वर्ग के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने की दिशा में हमने चिरंजीवी योजना लागू की है। अन्य राज्य और केन्द्र सरकार भी ऎसी योजना पर विचार कर सकते हैं।

सभी परिवार आवश्यक रूप से कराएं पंजीयन
गहलोत ने कहा कि इस योजना का लाभ हर राजस्थान वासी तक पहुंचाने के लिए सभी परिवारों का पंजीयन आवश्यक है। इसके लिए पंजीयन की तिथि 30 अप्रेल से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। लोगों से अपील है कि वे अपने परिवार का पंजीयन आवश्यक रूप से कराएं और अन्य लोगों को योजना की जानकारी देकर पंजीयन के लिए प्रेरित करें और इसमें सहयोग करें।
महामारी से बचाव के लिए हमेशा हुआ निःशुल्क टीकाकरण
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि इतिहास रहा है कि महामारी से बचाव के लिए हमेशा टीकाकरण निःशुल्क किया गया है। भारत में सभी आयु वर्ग के लोगों को कोविड-19 टीकाकरण निःशुल्क किये जाने के लिए हमने केन्द्र सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रखी थी, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा मांग नहीं माने जाने पर राज्य सरकार ने स्वयं 3 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार वहन करते हुए 18-45 वर्ष के आयु वर्ग को भी निःशुल्क टीकाकरण की योजना बनाई है।

संक्रमण रोकने में जनता करे सहयोग
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए बेहतरीन प्रबंधन कर रही है। इसके लिए हम संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने दे रहे हैं, हमारा पूरा प्रयास है कि हर कोविड रोगी को समुचित उपचार मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोगियों के इलाज के लिए जी-जान से जुटी हुई है, लेकिन संक्रमण की चेन जनता के सहयोग के बिना नहीं टूट सकती। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई गाइडलाइन्स की कड़ाई से पालना करें। आपका सहयोग ही हमें इस महामारी से जीत दिला पाएगा।
चिरंजीवी योजना में दूसरे बीमा जैसी जटिलताएं नहीं
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री की सोच है कि प्रदेश का हर व्यक्ति निरोगी और इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त हो। चिरंजीवी योजना इसी दिशा में उठाया गया क्रांतिकारी कदम है। स्वास्थ्य बीमा की इस अनूठी योजना में प्रदेशवासियों को पंजीयन के समय स्वास्थ्य जांच, परिवार के सदस्यों की संख्या, एक निश्चित अवधि बाद ही बीमा का लाभ मिलने जैसी जटिलताओं से मुक्त रखा है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए टीकाकरण प्रारम्भ हो गया है। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर इसे व्यापक रूप दिया जाएगा।
वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद 6500 करोड़ खर्च कर देंगे स्वास्थ्य सुरक्षा
चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कोविड संकट के कारण वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता को सुरक्षित रखने के लिए चिरंजीवी योजना एवं 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए निःशुल्क टीकाकरण की शुरुआत की है। इन दोनों योजनाओं पर 6500 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च होगी।
मुख्यमंत्री ने समझा गरीबों का दर्द
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि जिन लोगों के पास आय के साधन नहीं हैं, उनके लिए बीमारी का इलाज एक बड़ी चुनौती रहती है। मुख्यमंत्री ने इसी दर्द को समझते हुए चिरंजीवी योजना लागू की है। निजी क्षेत्र में 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा के लिए भारी प्रीमियम चुकाना पड़ता है जबकि चिरंजीवी योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, सामाजिक आर्थिक जनगणना-2011, लघु एवं सीमांत कृषक, संविदा तथा मानदेय कर्मी और गत वर्ष कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क बीमा उपलब्ध कराया गया है। शेष परिवारों को मात्र 850 रुपए के वार्षिक प्रीमियम पर इस योजना का लाभ मिलेगा।
1576 पैकेज शामिल, करीब 1100 अस्पतालों में उपचार
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि 3500 करोड़ रुपए की लागत से संचालित इस योजना में हार्ट, कैंसर, किडनी, डायलिसिस और कोविड जैसी गंभीर बीमारियों सहित 1576 प्रकार के पैकेज शामिल हैं। राज्य के 765 सरकारी और 330 से अधिक संबद्ध निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर 5 लाख रुपए तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।
राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी की सीईओ अरूणा राजोरिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित समारोह में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायक, नगरीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, जिला स्तर के प्रशासनिक एवं चिकित्सा अधिकारी सहित आमजन भी शामिल हुए।

 

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