हनुमानगढ़। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में अब फिर मिनिलेप नसबंदी (हाथ का ऑप्रेशन) नियत सेवा दिवस आयोजित किए जाएंगे। सामान्य सर्जरी वाले यह ऑपरेशन अधिकतर निजी अस्पतालों में ही किए जाते थे, लेकिन गत तीन माह पूर्व जिले में लगाए गए मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस के सफलतापूर्वक आयोजन के बाद अब संगरिया व भादरा सीएचसी में इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस लगाए जाएंगे।
एसीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि फरवरी व मार्च माह में जिले के तीन ब्लॉकों में मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस आयोजित किए गए थे, जिनमें अनेक नसबंदी ऑपरेशन किए गए थे। इसी के चलते अब 28 मई को संगरिया सीएचसी व 4 जून को भादरा सीएचसी में भी मिनिलेप नसबंदी नियत सेवा दिवस आयोजित किए जाएंगे। डॉ. तनेजा ने बताया कि जिले के ऐसे अनेक परिवार हैं, जिनके पूर्व में दो-दो बार सिजेरियन ऑपरेशन हुए थे या लेप्रोस्कोपिक पद्धति से नसबंदी ऑपरेशन असफल हो चुके थे या किसी अन्य कारणों से भी नसबंदी ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे परिवार सीएमएचओ कार्यालय में परिवार कल्याण विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं अथवा 28 मई को संगरिया सीएचसी या 4 जून को भादरा सीएचसी में आॅपरेशन के लिए आ सकते हैं। इस बार ऑपरेशन के लिए एफआरएचएस इण्डिया को अधिकृत किया गया है। डॉ. तनेजा ने बताया कि गत 15 फरवरी को पीलीबंगा में लगाए गए दिवस में 1 पुरूष व 20 महिलाएं, 11 मार्च को संगरिया में 24 महिलाएं तथा 24 मार्च को भादरा में आयोजित दिवस में 2 पुरूष व 45 महिलाएं की मिनिलेप नसबंदी की गई थी।
निजी अस्पतालों में आता है अत्यधिक खर्चा
सीओ-आईईसी मनीष शर्मा ने बताया कि निजी अस्पतालों में यह ऑपरेशन जरूरतमंद परिवारों के लिए काफी महंगा था। निजी अस्पतालों में इस ऑपरेशन के लिए 10 से 15 हजार रूपए खर्चा आता था। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे परिवार जो परिवार कल्याण के स्थाई साधन का इस्तेमाल के लिए तो राजी थे, लेकिन उनके परिवार की महिला का लेप्रोस्कोपिक पद्धति से ऑपरेशन नहीं हो सकता था और उनके पति नसबंदी नहीं करवाना चाहते थे। ऐसी स्थिति में वे हाथ का ऑप्रेशन (मिनिलेप नसबंदी) ही एकमात्र विकल्प था।