स्मार्ट सिटी उदयपुर को मिली प्रदेश के पहले स्मार्ट अंडरग्राउंड पार्किंग की सौगात

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गृहमंत्री ने किया अत्याधुनिक पार्किंग स्थल का लोकार्पण

उदयपुर। प्रदेश के पहले स्मार्ट अंडरग्राउंड पार्किंग का लोकार्पण रविवार को स्मार्ट सिटी उदयपुर के नगर निगम परिसर में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने किया। पार्किंग शुल्क की पहली पर्ची भी कटारिया ने कटाई और अपनी कार को पाकिर्ंग स्थल में लेकर गए।

करीब साढ़े चौदह करोड़ रुपए की लागत से निर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त भूमिगत पार्किंग से उदयपुर शहर में पार्किंग की समस्या के निवारण में काफी हद तक सफलता मिलेगी। इसमें दुपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए निर्धारित शुल्क पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध रहेगी। लोकार्पण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उदयपुर शहर को स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित करने एवं इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में शुमार होने लायक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। शहर में हो रहे विकास कार्यों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि चौतरफा विकास कार्यों से शहर का कायापलट हो गया है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान, डोर टू डोर कचरा संग्रहण, ईएसआई हॉस्पीटल, खेलगांव, साइंस पार्क, बर्ड पार्क, सज्जनगढ़ पर म्यूजियम, नीमजमाता रोप वे, वाटर स्पोर्ट्स एकेडमी जैसे कई कायोर्ं का उल्लेख करते हुए कटारिया ने कहा कि उदयपुर शहर दुनिया के नक्शे पर छा रहा है। अमृत योजना के 274 करोड़, स्मार्ट सिटी के 12 करोड़, यूआईटी व नगर निगम के बजट आदि को जोड़ कर उन्होंने कहा कि शहर में पांच साल के विकास के लिए पांच हजार करोड़ का बजट है जिसका उपयोग कर सब कार्य करवाए जा रहे। उन्होंने शहरवासियों से उदयपुर को ओडीएफ करने की अपील की। गृहमंत्री ने क्षेत्र के विकास में मावली-मारवाड़ ब्रॉड गेज, मावली-बड़ीसादड़ी-नीमच रेल लाइन, उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन, देबारी-काया नेशनल हाइवे बायपास, संभाग की नदियों को जोड़ने जैसे बड़े प्रोजेक्ट की चर्चा भी की। सांसद अर्जुन लाल मीणा ने भी समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, यूआईटी चेयरमेन रवीन्द्र श्रीमाली, मेयर चंद्रसिंह कोठारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जनप्रतिधियों को दी जिम्मेदारी निभाने की सीख

संबोधन में कटारिया ने जनप्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी निभाने की सीख दी। उन्होंने कहा कि जनता ने विकास कार्यों के लिए उन्हें जिताया है तो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरें। जनता का ऋण चुकाना संभव नहीं है इसलिए उसके लिए ईमानदारी से कार्य करें। आलोचनाओं से नहीं घबराएं एवे सुधार करने के प्रयास करें।

ऎसी है अत्याधुनिक पार्किंग

स्वायत्त शासन विभाग एवं नगर निगम के साझे में रिडकोर द्वारा निर्मित इस पार्किंग पर 14 करोड़ 37 लाख रुपए का खर्च आया जिसमें 10 करोड़ राज्य सरकार ने वहन किए। शेष राशि नगर निगम ने खर्च की। भूमिगत पार्किंग में 84 चारपहिया एवं 96 दोपहिया वाहन खड़े करने की क्षमता है। ऊपर छत पर 66 चार पहिया एवं 154 दुपहिया वाहन की पार्किंग की व्यवस्था है। अल्ट्रोसोनिक सेंसर्स, मास्टर कंट्रोलर, ऑटोमेटिक डिस्पेंसर मशीन, 16 सीसीटीवी कैमरा, स्वचालित बूम कैरियर, एलईडी इंडीकेटर्स, फायर फाइटिंग व वेंटिलेशन सिस्टम, निशक्तजन व वरिष्ठ नागरिकों हेतु लिफ्ट सुविधा जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं युक्त यह सार्वजनिक क्षेत्र का प्रदेश का पहला स्मार्ट अंडरग्राउंड पार्किंग है।

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