औरतों को हमेशा दोयम दर्जे का समझा गया: विद्या बालन

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मुम्बई। बॉलिवुड ऐक्ट्रेस विद्या बालन एक बार फिर दमदार अभिनय की छाप छोड़ने के लिए अपनी नई फिल्म ‘बेगम जान’ के साथ आ रही हैं। इस फिल्म में टाइटल रोल प्ले कर रहीं विद्या की यह फिल्म 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हालातों पर बनी है।
विद्या की मानें तो बेगम जान पितृसत्ता पर सवाल उठाती फिल्म है। बंटवारे के दौरान महिलाओं की इच्छा के संदर्भ में पूछ गए सवाल पर विद्या कहती हैं कि देश में कभी महिलाओं को सर्वोच्च नहीं माना गया। महिलाओं को हमेशा सेकेंड क्लास सिटिजंस माना गया है। महिलाएं किसी से कम नहीं हैं, इसी संदेश को देने के लिए बेगम जान का कैरेक्टर फिल्म ​में दिया गया है।
गौरतलब है कि बेगम जान की कहानी भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय में बेस्ड है, जहां जमीन के टुकड़े को अपने पास रखने तक की कहानी को दर्शाने की कोशिश की गई है। विद्या इन दिनों इस फिल्म के प्रमोशन में जुटी हुई हैं। श्री​जीत मुखर्जी निर्देशित यह फिल्म 14 अप्रैल को रिलीस होने वाली है।

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