सीएमएचओ से वार्ता में विवादित आदेश रद्द, एनसीडी पोर्टल पर कार्य एमओ करेंगे
हनुमानगढ़। हिमांशु मिढ्ढा
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय के समक्ष चल रहा धरना प्रदर्शन चौथे दिन प्रशासन से सकारात्मक वार्ता के बाद समाप्त हो गया। जंक्शन स्थित सीएमएचओ कार्यालय के बाहर जारी आंदोलन के दौरान नर्सिंग कार्मिक अपनी मांगों पर अड़े हुए थे। चौथे दिन एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की सीएमएचओ से वार्ता हुई, जिसमें प्रमुख मांगों पर सहमति बनने के बाद आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की गई।धरने का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष गुगनराम सहारण ने बताया कि 22 दिसंबर 2025 को जारी कार्यव्यवस्था आदेश को लेकर नर्सिंग स्टाफ में गहरा असंतोष था। इसी आदेश के विरोध में संगठन ने शांतिपूर्ण धरना शुरू किया था। चौथे दिन हुई वार्ता में प्रशासन ने संगठन की आपत्तियों को गंभीरता से सुना और विवादित आदेश को रद्द करने पर सहमति दी। आदेश रद्द होने के बाद नर्सिंग कार्मिकों ने राहत की सांस ली।वार्ता के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी स्पष्ट सहमति बनी। एसोसिएशन की मांग के अनुरूप यह तय किया गया कि एनसीडी क्लिनिक के पोर्टल पर निदान एवं उपचार संबंधी कार्य मेडिकल ऑफिसर (एमओ) द्वारा ही किए जाएंगे।
इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश लागू करने पर भी सहमति बनी, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का भ्रम या मनमानी न हो। संगठन का कहना था कि कार्य विभाजन स्पष्ट होने से नर्सिंग स्टाफ और चिकित्सा अधिकारियों के बीच समन्वय बेहतर होगा और मरीजों को भी सुचारू सेवाएं मिलेंगी।जिलाध्यक्ष गुगनराम सहारण ने कहा कि नर्सिंग स्टाफ स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ है और उनके सम्मान व अधिकारों की रक्षा संगठन की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते संवाद हो जाए तो आंदोलन की नौबत नहीं आती। प्रशासन द्वारा सकारात्मक रुख अपनाने से यह स्पष्ट हुआ कि वार्ता के माध्यम से समस्याओं का समाधान संभव है।धरना स्थल पर मौजूद नर्सिंग कार्मिकों ने भी निर्णय का स्वागत किया और कहा कि उनकी मांगें जायज थीं, जिन्हें अंततः प्रशासन ने स्वीकार किया। प्रतिनिधिमंडल ने सीएमएचओ का आभार जताते हुए उम्मीद व्यक्त की कि आगे भविष्य में इस प्रकार के आदेश जारी करने से पहले संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श किया जाएगा।अंत में एसोसिएशन ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सदैव सहयोग को तैयार है, लेकिन कर्मचारियों के अधिकारों से किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।












