धर्म संघ विश्वविद्यालय में हुआ वैदिक अनुष्ठान, स्वामी जी के नाम पर मार्ग या उद्यान निर्माण की उठी मांग
चूरू।ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी के अवसर पर चूरू स्थित धर्म संघ विश्वविद्यालय, गुरुकुल ब्रह्मचर्याश्रम में इसके संस्थापक स्वामिश्री शिवानंद सरस्वती जी महाराज की पुण्यतिथि (आराधना) एवं यति पार्वण श्राद्धकर्म समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक समारोह में देश-विदेश से आए वैदिक आचार्य, संन्यासी एवं शिष्य भारी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत गुरुकुल परिसर स्थित देवालय में देव पूजन, रुद्राभिषेक और पादुका पूजन से हुई। इसके पश्चात काशी एवं नैमिषारण्य से पधारे दण्डी संन्यासियों का स्वागत कर उन्हें वस्त्र, दक्षिणा व भोग प्रसादी से सम्मानित किया गया।काशी से आए वेदमूर्ति आचार्य जी ने सभी वैदिक आचार्यों के साथ मिलकर ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्रों का पाठ कर वातावरण को वेदमयी बना दिया।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ दण्डी स्वामी श्रीधरानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी शिवानंद सरस्वती जी ने चूरू को “छोटी काशी” बना दिया। उन्होंने देश-विदेश को वैदिक विद्वानों से समृद्ध किया जो आज भी सनातन संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं। लखनऊ से पधारे स्वामी जी के पूर्वाश्रम के पौत्र एवं धर्मसंघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र ने चूरू के गुरुकुल को एक महान तीर्थस्थल बताया और कहा कि यहाँ के दर्शन मात्र से पापों का शमन होता है।
दिल्ली से आए आचार्य वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि चूरू जिला मुख्यालय पर स्वामी शिवानंद सरस्वती जी की स्मृति में एक मार्ग या उद्यान (वाटिका) का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा जाए।
इस अवसर पर गुरुकुल व्यवस्थापक प्रकाश शर्मा, स्नातक महेश गौड़, हरिकृष्ण औझाइया, शिवदयाल शास्त्री, भोलाराम शास्त्री, वैद्य ओमप्रकाश शर्मा, डॉ. सतीश त्रिवेदी, सहित अनेक विद्वान, शास्त्रीगण, वैद्य, श्रद्धालु एवं ऋषिकुमार उपस्थित रहे।