चूरू। अग्रसेन नगर के सामुदायिक भवन में चल रही नानी बाई रो मायरो कथा का समापन विजयदशमी के पावन दिन कथा वाचक जनार्दन महाराज के सानिध्य में हुआ। संगीतमय वाचन के साथ में भगवान वासुदेव श्रीकृष्ण द्वारा नानी बाई के मायरे भरने का सुन्दर चित्रण किया गया। श्रद्धालुओं ने कथा का आनन्द लिया। कथा के बाद प्रसाद वितरण किया गया। साथ ही नरसी भक्त, नानी बाई, राधा कृष्ण, रुक्मिणी की झांकियां का मंचन किया गया। सभी अग्रसेन वासियों ने मायरे में बढ़चढ़ कर अपनी उपस्तिथि दी व नाचते कूदते भाव विभोर हुए। भगवान श्री कृष्ण के साथ अग्रसेन वासी भाई बन कर कथास्थल पर पहुंचे व रुक्मणी के साथ रुक्मणी की सखियां के रूप में अग्रसेन की मातृशक्ति प्रफुल्लित मन से आईं नानी बाई ने भगवान श्री कृष्णा का स्वागत किया और सभी अग्रसेन निवासियों का तिलक लगाकर कर उस बेला की याद दिलाई जब एक भाई अपनी बहन के यहाँ मायरा लेकर जाता है तब उसकी बहन अपने भाई भाभी भतीजी भतीजो को टिका निकालती है।