झुंझुनूं। अजीत जांगिड़
अपने जीवन की अधिकांश कमाई शिक्षा के क्षेत्र में दान कर चुके करोड़पति फकीर के नाम से विख्यात झुंझुनूं निवासी अमेरिका प्रवासी डॉ. घासीराम वर्मा के मित्र भी उनकी तरह ही शिक्षा के लिए दान करने में पीछे नहीं रहते हैं। इसी का एक उदाहरण प्रतापगढ़ जिले में उनके मित्र डॉ. नरेंद्र कुमार हड़पावत ने बुधवार को पेश किया। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ कमलेश तेतरवाल ने बताया कि जिला स्तरीय विज्ञान मेले में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रतापगढ़ के पूर्व विद्यार्थी रहे अमेरिका प्रवासी डॉ. नरेंद्र हड़पावत को आमंत्रित किया गया था। मंच पर हुई मुलाकात के दौरान चर्चा करते हुए तेतरवाल ने उनको बताया कि डॉ. घासीराम वर्मा मेरे दादाजी हैं। जो अमेरिका ही रहते थे। वर्तमान में झुंझुनूं रह रहे हैं और उन्होंने करोड़ों रुपए शिक्षा के लिए दान किया है। इतना सुनते ही डॉ. हड़पावत ने कहा कि वह तो एक फकीर के नाम से जाने जाते हैं वही है ना। उनको न्यूयॉर्क में राजस्थानियों के एक संगठन राना के सम्मेलन में हमने आमंत्रित किया था और उनका सम्मान किया था। इसी दौरान एक रोचक किस्सा सुनाया कि जब हमने डॉ. घासीराम को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने कहा कि मैं अस्सी मील दूर कैसे आ पाऊंगा। मेरे पास तो स्वयं की कार भी नहीं है। हमें बड़ा आश्चर्य हुआ और उनकी सादगी ने हमें प्रभावित भी किया। हमने उनको अपनी कार भेज कर वहां से बुलवाया व समारोह में सम्मानित कर वापस भिजवाया। चर्चा के दौरान सीडीईओ तेतरवाल ने उनसे आग्रह किया कि आप इस विद्यालय की पूर्व विद्यार्थी रहे हैं और आपको इसके विकास में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने विद्यालय के लिए आवश्यकता पूछी तो तेतरवाल ने उनको प्रेरित किया कि आप एक जर्जर विंग है। उसको तुड़वाकर उसकी जगह नया साइंस ब्लॉक भवन बनाकर दें तो बहुत अच्छा रहेगा। जिसकी अनुमानित लागत एक करोड़ रुपए होगी। डॉ. हड़पावत ने तत्काल तत्काल एक करोड़ रुपए की घोषणा करते हुए कहा कि यह साइंस ब्लॉक में शीघ्र बनाकर विद्यालय को सौंप दूंगा। विद्यालय विकास के लिए की गई घोषणा पर सीडीईओ तेतरवाल ने अपने विभाग के शिक्षा अधिकारियों ने भामाशाह का पगड़ी वह पुराना पहनकर अभिनंदन किया वह आभार व्यक्त किया।