काटली नदी से हटेंगे अतिक्रमण, एनजीटी ने राजस्थान सरकार को दिए आदेश

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झुंझुनूं। अजीत जांगिड़
राजस्थान राज्य में शेखावाटी क्षेत्र के सीकर, झुंझुनूं व चूरू जिलों से बहने वाली काटली नदी में हुए अतिक्रमणों को हटाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने हटाने के आदेश दिए हैं। सरस्वती रूरल एंड अरबन डवलपमेंट सोसाइटी की ओर से काटली नदी बचाओ जन अभियान के संयोजक सुभाष कश्यप के अनुसार एनजीटी की भोपाल पीठ ने निष्पादन याचिका संख्या 03/2025 मूल आवेदन संख्या 59/2024 में आवेदक अमित कुमार व अन्य बनाम राजस्थान राज्य व अन्य में आदेश पारित करते हुए चार सप्ताह में अतिक्रमणों को हटा कर पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश शिव कुमार सिंह एवं सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ में उक्त प्रकरण की 15 दिसम्बर 2025 को अगली सुनवाई होगी। काटली नदी बचाओ जन अभियान संयोजक सुभाष कश्यप ने झुंझुनूं जिले में काटली नदी पर हुए अतिक्रमणों की ड्रोन फोटो उपलब्ध करवा कर स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि मात्र कुछ अतिक्रमणों को चिह्नित कर एनजीटी को सूची भेजी है। वो पूर्ण नहीं है। इसके लिए सरकार व न्यायालय से आग्रह कर सभी अतिक्रमणों को चिह्नित करने व लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारी—कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। सुभाष कश्यप ने बताया कि फिलहाल जो एनजीटी में सूची भेजी गई है। उसके अनुसार झुंझुनूं जिले में कुल 329 अतिक्रमण माने गए है। इनमें सर्वाधिक 187 झुंझुनूं तहसील, 108 गुढ़ागौड़जी तहसील, 20 चिड़ावा तहसील तथा 14 उदयपुरवाटी तहसील में है। चूरू जिले के राजगढ़ तहसील में 33 अतिक्रमण चिह्नित किए गए है। जबकि सीकर में एक भी अतिक्रमण चिह्नित नहीं किया गया। कश्यप के अनुसार सीकर जिले में भी काटली नदी के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण है। वहीं तीनों जिलों में सिर्फ 362 ही नहीं, बल्कि 3000 से ज्यादा अतिक्रमण है। जिसके बारे में भी एनजीटी को बताया जाएगा।

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