चिकित्सक के परामर्श के बिना दवाओं का नहीं करें उपयोग, एएनएम एवं सीएचओ कर रहे घर-घर सर्वे
चूरू। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा के निर्देशन में मौसमी बीमारियों से बचाव व रोकथाम तथा दवाओं के उपयोग के लिए जिले में आशा, एएनएम एवं सीएचओ द्वारा घर-घर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के दौरान आमजन को बीमार होने पर तत्काल चिकित्सा संस्थान पहुंचकर परामर्श लेने, चिकित्सकीय सलाह से ही दवा का सेवन करने, बच्चों की पहुंच से दवा को दूर रखने एवं दवा के दुष्प्रभाव सामने आने पर आवश्यक उपाय बरतने के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ मनोज शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना का प्रभावी तरीके से संचालन किया जा रहा है। योजना में उपलब्ध करवाई जाने वाली दवाएं रोगियों को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार लिखने के लिये चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सक ओपीडी एवं आईपीडी में रोगी को दवा स्पष्ट रूप से लिखें और दवा की कितनी खुराक कब लेनी है, यह जानकारी पर्ची पर अंकित करने के साथ ही रोगी को भी इस संबंध में समझाएं। रोगी एवं उनके परिजनों को दवा की मात्रा एवं दुष्प्रभावों को बारे में पूरी जानकारी दी जाए।
उन्होंने बताया कि आमजन दवाओं का उपयोग चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करें।
मौसमी बीमारियों के बचाव के बारे में आमजन को करें सजग
सीएमएचओ ने बताया कि बारिश का दौर थमने के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रसार होने की आशंका बनी रहती है। इस मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार आदि के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिये निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि दवाएं लिखते समय चिकित्सक यह ध्यान रखें कि बच्चों एवं व्यस्कों को कौनसी दवाएं लिखी जानी चाहिए, इसके प्रोटोकॉल का पूरा पालन हो। कोई भी दवा देते समय परिजनों को उसकी खुराक के संबंध मे पूरी जानकारी दें। उन्होंने बताया कि फार्मासिस्ट चिकित्सक की पर्ची के बिना दवाओं का वितरण नहीं करें और दी जाने वाली दवाओं के उपयोग के संबंध में रोगी व परिजन को आवश्यक जानकारी दें। एएनएम, आशा एवं सीएचओ सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिकित्सक से परामर्श के लिए प्रेरित करें। दवाओं के उपयोग से कोई भी दुष्प्रभाव की जानकारी मिलने पर तुरंत सेक्टर प्रभारी को सूचित करें। साथ ही, अभिभावकों को दवाओं के सावधानीपूर्वक उपयोग के बारे में जागरूक करें। आमजन को जागरूक करें कि वे दवा का सेवन पंजीकृत चिकित्सक की सलाह तथा निर्धारित खुराक के अनुसार ही करें।
घर पर रखी दवा चिकित्सक के परामर्श से ही उपयोग में लें
उन्होंने बताया कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमोरफन युक्त दवा नहीं दी जाए। आमजन को समझाया जाए कि वे घर में रखी दवाओं का बिना चिकित्सकीय परामर्श के सेवन नहीं करें। दवा के सेवन के बाद किसी भी तरह का दुष्प्रभाव यथा सांस लेने में कठिनाई, सुस्ती, बेहोशी, उल्टी, दौरे जैसे लक्षण नजर आएं तो नजदीकी अस्पताल या हेल्पलाइन नंबर 104 व 108 पर सम्पर्क किया जा सकता है।