चिड़ावा । डालमिया विद्या मंदिर में हिंदी दिवस के उपलक्ष में अंतरसदनिय काव्य-संगोष्ठी नवोन्मेष का भव्य आयोजन विद्यालय की प्रार्थना सभा में विद्यालय के अध्यक्ष पराग डालमिया की गरिमामयी आभाषी उपस्थिति में किया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें पूरे मन से मेहनत करके सफल होने का प्रयास करना चाहिए। इस काव्य गोष्ठी का उद्देश्य विद्यार्थियों में साहित्यिक अभिरुचि का विकास करना तथा भाषा के प्रति सृजनात्मक संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यवाहक प्रधानाचार्य शक्तिसिंह द्वारा प्रेरणादायक संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को कविता के महत्व, अभिव्यक्ति की शक्ति तथा साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका के बारे में बताया और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। यह काव्य-संगोष्ठी राष्ट्रभक्ति, प्रकृति, संस्कृति एवं विद्यालय जीवन जैसे प्रेरणादायक विषयों पर आधारित थी। प्रत्येक सदन से दो-दो विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कावेरी सदन से चित्रा (कक्षा 9 बी) एवं आयुषी (कक्षा 9 बी), गंगा सदन से दिया डारा (कक्षा 9 ए) एवं युवाक्षी (कक्षा 11 बी), ब्रह्मपुत्र सदन से दृष्टि (कक्षा 9 बी) एवं पार्थ गोयल (कक्षा 9 बी), नर्मदा सदन से निधि जांगिड़ (कक्षा 11 बी) एवं आर्यन शर्मा (कक्षा 11 सी) ने भाग लिया। प्रत्येक प्रतिभागी ने अपनी भावनाओं को सुंदर, सशक्त और प्रभावशाली शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत किया। जिससे कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय बन गया। कविता पाठ के दौरान विद्यार्थियों की प्रस्तुति में आत्मविश्वास, भाव-प्रवणता और विषय की समझ स्पष्ट रूप से दिखाई दी। निर्णायक मंडल द्वारा मूल्यांकन के उपरांत परिणाम की घोषणा की गई, जिसमें प्रथम स्थान आयुषी (कावेरी सदन कक्षा 9 बी), द्वितीय स्थान दिया डारा (गंगा सदन, कक्षा 9 ए) एवं निधि जांगिड़ (नर्मदा सदन, कक्षा 11 बी) को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया। इस अवसर पर समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे और कार्यक्रम का आनंद लिया। कार्यक्रम के समन्वयक व्याख्याता संदीप शर्मा ने कहा कि नवोन्मेष काव्य-संगोष्ठी विद्यार्थियों के लिए न केवल एक मंच था। बल्कि एक अवसर था अपने भीतर छिपी रचनात्मकता और साहित्यिक प्रतिभा को अभिव्यक्त करने का। यह आयोजन निश्चित रूप से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सफल प्रयास रहा।