केंद्र की कार्पोरेट परस्त नीतियों, बिजली निजीकरण, स्मार्ट मीटर, एमएसपी और कर्जमाफी को लेकर जताया विरोध, “भारत छोड़ो” आंदोलन के तहत हुई रैली
चूरू । संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर आज जिला मुख्यालय चुरू पर संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य व भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष रामरतन सिहाग,किसान सभा के अध्यक्ष इन्द्राजसिह के नेतृत्व में किसानों-मजदूरों ने जिला स्टेडियम से लेकर आपणी योजना में जिला कलक्टर कार्यालय तक ट्रैक्टर व अन्य साधनों से वाहन रैली निकालकर डबल ईंजन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य व जिलाध्यक्ष रामरतन सिहाग ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत छोड़ो के केंद्रीय नारे के तहत आन्दोलन का आह्वान करते हुए प्रमुख मांगो में किसान आन्दोलन में लिखित में केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ समझौते की 06 सूत्री मांगो को लागू करने, बिजली का निजीकरण और स्मार्ट मीटर लगाना बंद करने, सम्पूर्ण कर्जमाफी, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी जैसी पहले से लम्बित पड़ी माँगो के साथ ही मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों के साथ किये जा रहे मुक्त व्यापार समझौते में खेती-किसानी और आम जनता के हितों की बलि चढ़ाना बंद करने की मांग प्रमुख रूप से शामिल है इनके साथ खेती-किसानी से जुडे किसानों-मजदूरों एव॔ ग्रामीण दस्तकारों को सामाजिक सुरक्षा के लिए 10 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन की मांग भी लम्बित है। किसान सभा के अध्यक्ष इन्द्राजसिह ने बताया सरकार बिजली का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हाथों में देना चाहती है तथा लैंड पूलिंग जैसे कानून के माध्यम से जमीन हड़पने का बड़ा हमला किसान हितों पर करने जा रही है सरकार की घोर पूंजीवादी कार्पाेरेट परस्त नीतियाँ देश के आम अवाम व जनहितों के खिलाफ है। संयुक्त किसान मोर्चा के विरोध प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन तहसील अध्यक्ष तेजकरण दहिया, किसान सभा अध्यक्ष बेगराज मील, संयुक्त मोर्चा सदस्य हरिराम न्यौल, आयूष खिचड़, दीपाराम प्रजापत, कल्याणसिंह राठौड़, नारायणराम नाई, अनिल शर्मा, रामस्वरूप मेघवाल , बालूराम प्रजापत, शिशपालदास स्वामी, विकास दहिया, मनोज न्यौल, शीशराम ईसरवाल, राजेन्द्र बलारा, पूर्व सरपंच भंवरलाल खिचड़,हरचन्द कड़वासरा, मनीराम कड़वासरा, डेडराज, हरिराम, हरलाल, परमाराम,रामरिख, ओमप्रकाश, फुलाराम बाँगड़वा, सुनील खासोली, प्यारेलाल व एडवोकेट बाबूलाल न्यौल सहित सैंकड़ो की तादाद में किसान मौजूद थे।