राजयोगिनी अमृत दीदी ने बताया रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य; आत्मिक स्मृति, मधुर वाणी और बुराइयों के त्याग का लिया संकल्प, सैकड़ों श्रद्धालु रहे उपस्थित
बड़ागांव।ब्रह्माकुमारी पाठशाला में रक्षाबंधन महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। राजयोगिनी अमृत दीदी ने रक्षा बंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है कि भाई मेरी रक्षा करें और सभी बहिनों को अपनी बहन के समान समझें, तिलक अर्थात आत्मिक स्मृति रखे और मुख से सदा मधुर बोल बोले एवं अपने अंदर छुपी बुराइयों को त्यागने का संकल्प करें। यही सच्चे रूप से रक्षाबंधन मनाना है। सभी को रक्षा सूत्र बांधकर मुह मीठा करवाया। बीके साक्षी बहन ने सभी को आत्म स्मृति का तिलक लगाया। इस मौके पर पूर्व इंजीनियर महावीरसिंह, तेजसिंह शेखावत, पूर्व तहसीलदार मंगलचंद सैनी, श्रीराम किरोड़ीवाल, पूर्व मैनेजर मोहनलाल सिंगोदिया, नारायणप्रसाद, हनुमानप्रसाद, दुर्गाप्रसाद, पूर्व सूबेदार किशोरीलाल, इंद्राज सैनी, शंकरलाल, मीना कंवर, पुष्पा कंवर, तारा देवी, संतरा देवी, गायत्री देवी, चुका देवी आदि उपस्थित रहे।