लुहारों मोहल्ला में एकता और इंसानियत की मिसाल, सर्वसमाज की ओर से आयोजित शिविर बना मानवता का प्रतीक, हर रक्तदाता की नसों में बहा मोहब्बत का जज्बा
चूरू। कभी-कभी कुछ लोग जीवन से चले जाते हैं, लेकिन अपनी यादों में एक पूरी पीढ़ी को प्रेरणा दे जाते हैं। लुहारों मोहल्लें के दो युवा मोहम्मद बिलाल और मोहम्मद आजम अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृति में किया गया कार्य उनके नाम को अमर कर गया। स्थित बन्दुकिया गेस्ट हाऊस, लुहारों मोहल्ला में सर्वसमाज की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर न सिर्फ़ एक श्रद्धांजलि थी, बल्कि जीवन की उम्मीद भी। शिविर सुबह 9रू30 बजे प्रारंभ हुआ और शाम 5 बजे तक चला। इसमें कुल 205 यूनिट रक्त एकत्र किया गया – यह आंकड़ा सिर्फ़ संख्या नहीं, बल्कि दर्जनों ज़िंदगियों की सांसें हैं। रक्त संग्रहण का कार्य डेडराज भरतिया अस्पताल और जीवन रेखा मेडिकल टीम ने कुशलतापूर्वक किया। हर रक्तदाता की नस में, केवल रक्त नहीं, मोहब्बत और इंसानियत भी बह रही थी। शिविर में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हुए। पूर्व अध्यक्ष राजस्थान महिला आयोग रेहाना रियाज, पूर्व सभापति गोविन्द महनसरिया, प्रदेश महासचिव एनएसयूआई आसिफ खान, कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट सद्दाम हुसैन, डॉ. अहसान गौरी, डॉ. बजरंग सोनी जैसे गणमान्य लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। इसके अलावा सरवर लुहार, अनारदीन, जाफर, झुरदीन, युवा कांग्रेस अध्यक्ष सोहेल खान डीके, शौकिन, कुतुबुदीन, अयूब, रफीक, मुस्ताक, मोबदीन, महबूब, सलाऊदीन, असलम, अल्लानूर, साजिद, डॉ. मोबद्दीन, शाकिर, रमजान खान, आनंद सहित समाज के सैकड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी ने दिखा दिया कि इंसानियत और एकता से बड़ा कोई धर्म नहीं। यह रक्तदान शिविर सिर्फ एक आयोजन नहीं था, बल्कि उन दो युवाओं की विरासत थी, जिन्होंने भले ही अलविदा कह दिया, लेकिन ज़िंदगी देने की राह दिखा गए।