प्रदेश सरकार का अभूतपूर्व निर्णय, जल संचय व जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा अभियान, पत्रकार यात्रा के माध्यम से देखी जल संरक्षण गतिविधियां, जिले के जांदवा, मोलीसर छोटा की ढाणी बीका, बीरमसर सहित विभिन्न क्षेत्रों में जल संरक्षण की दिशा में जनसहभागिता से जल संरक्षण की दिशा में हो रहा बेहतरीन काम, पहली बरसात से लबालब हुए कुंड, पेयजल व वृक्षारोपण में होगा सदुपयोग
चूरू। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में संपूर्ण प्रदेश में जल स्वावलंबन की दिशा में बेहतरीन काम हो रहा है। जल संरक्षण की दिशा में बनाए जा रहे कुंड, सरोवर व एनिकट आदि के माध्यम से बेहतरीन काम हो रहा है। यह जल संरचनाएं पेयजल और पौधारोपण गतिविधियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। प्रदेश सरकार के निर्देशों पर शुक्रवार को जिला प्रशासन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिले में जल संरक्षण की दिशा में हुए विभिन्न विकास कार्यों के अवलोकन हेतु पत्रकार यात्रा का आयोजन किया गया।
जिले की जांदवा ग्राम पंचायत में विद्यालय एवं अमृत सरोवर से हो रहा जल संरक्षण
जिले के रतनगढ़ ब्लॉक की जांदवा ग्राम पंचायत में जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन काम हो रहा है। जांदवा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जल संरक्षण की दिशा में पंचायतीराज व ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा विभाग तथा जनसहभागिता से बेहतरीन कार्य करवाए गए हैं। विकास अधिकारी जगदीश व्यास ने बताया कि जांदवा में 17 से अधिक पक्के जोहड़ तथा करीब हर खेत में व सार्वजनिक स्थानों पर वर्षा जल संग्रहण हेतु कुंड बनाए गए हैं। इन जलग्रहण गतिविधियों से भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने तथा बरसात के पानी का पेयजल व वृक्षारोपण में भी उपयोग किया जा रहा है। पूर्व सरपंच गिरधारी खीचड़ ने बताया कि जांदवा के राउमावि में वर्षा जल संरक्षण हेतु तीन कुंड बनाए गए हैं तथा एक कुंड का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। इसी के साथ विद्यालय की छत पर एवं परिसर में बरसात के पानी का नाले के माध्यम से पुराने जोहड़ में एकत्रित कर भूमिगत जल में संचरित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि वर्ष 1977 में यह जोहड़ बनाया गया था। इस जोहड़ की मरम्मत कर इसमें विद्यालय परिसर का पानी संग्रहित कर भूमिगत जल में संचारित किया जा रहा है तथा पेयजल व वृक्षारोपण हेतु नियमित उपयोग में लिया जा रहा है। इसी के साथ विद्यालय में पौधशाला भी विकसित की जा रही है। विद्यालय में 1000 से अधिक पेड़ लगाए गए हैं तथा विभिन्न कक्षा – कक्षों में डस्टबिन आदि रखवाते हुए वातावरण को प्लास्टिक मुक्त रखने का संदेश देते हुए पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विद्यालय में पानी निकासी व्यवस्था काफी रोचक व सराहनीय रही।
उन्होंने बताया कि जांदवा ग्राम पंचायत के मोलीसर छोटा की ढाणी बीका स्थित भूलाना जोहड़ में पक्के जोहड़ का वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के शुभारंभ दिवस पर लोकार्पण किया गया है। यह जोहड़ एमजेएसए 2.0 के प्रथम चरण में 24.25 लाख रुपए की लागत से पूर्ण हुआ है तथा इस जोहड़ की कुल जल संग्रहण क्षमता 15 लाख लीटर है।उन्होंने बताया कि जांदवा में खेल मैदान का विकास, वृक्षारोपण, जोहड़ विकास सहित विभिन्न कार्य करवाए गए हैं। इस दौरान एक्सईएन हरिराम माहिच, गोविंद राम खीचड़, दुलीचंद खीचड़, ओमप्रकाश, हेमंत शर्मा, दलीप गुर्जर, विकास शर्मा, सुनील सैनी व मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।
पहली बरसात में लबालब हुए कुण्ड
इसी के साथ बीरमसर में पक्के जोहड़ व कुण्ड का अवलोकन किया। अंचल में इसी सप्ताह हुई पहली बरसात से ही कुण्ड लबालब पानी से भर गए हैं। कुण्ड का पानी अधिक स्वच्छ भी है। मीडियाकर्मियों ने पानी का अवलोकन किया है।बीरमसर के ही परमाराम ने बताया कि ग्रामीण अंचल में यह कुण्ड वर्षपर्यंत पेयजल व दैनिक गतिविधियों में उपयोग में लिया जाता है। बीरमसर में झांझाणा अमृत सरोवर के पक्के जोहड़ का निर्माण किया गया है। इसी के साथ जोहड़ परिसर में ही निर्मित कुण्ड की जल संग्रहण क्षमता 1.5 लाख लीटर क्षमता है। गत वर्ष 3200 पौधे लगाए हैं तथा करीब 1800 पौधे सर्वाइव कर रहे है। इस वर्ष नर्सरी में 5000 पौधे तैयार किए जा रहे है। इसी के साथ शमशान में पौधरोपण गतिविधियां प्रक्रियाधीन है। इस दौरान बीडीओ जगदीश व्यास, एक्सईएन हरिराम माहिच, ओमप्रकाश, जेटीए दलीप गुर्जर, हेमंत शर्मा, वीरेन्द्र दाधीच, अरसद अली, घड़सीराम मेघवाल, सुल्तान ढेवा व मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।