भारतीय पत्रकारिता जगत में शोक: वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव का निधन

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श्रद्धांजलि : पत्रकारिता के क्षेत्र में दशकों तक अपनी सेवाएं देने वाले डॉ. के. विक्रम राव ने हमेशा श्रमजीवी पत्रकारों की आवाज़ को मजबूती से उठाया

जयपुर। भारतीय पत्रकारिता जगत में आज एक अपूरणीय क्षति हुई, जब देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. विक्रम राव का निधन हो गया। उन्हें सोमवार प्रातः लखनऊ के एक निजी अस्पताल में लाया गया था जहाँ वे साँस संबंधित तकलीफों के कारण भर्ती हुए थे। डॉ. राव की उम्र लगभग 70 वर्ष थी, और उनके निधन ने पत्रकारिता जगत को एक गहरी क्षति पहुंचाई है। डॉ. के. विक्रम राव का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थान 703, पैलेस कोर्ट अपार्टमेंट, मॉल एवेन्यू, लखनऊ में अंतिम दर्शनार्थ रखा गया है। इस दुखद घटना के बाद पत्रकारिता जगत के कई प्रमुख हस्तियों और संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके निधन से पत्रकारिता और मीडिया उद्योग में एक खालीपन आ गया है, जिसे भर पाना असंभव सा प्रतीत होता है।उनके परिवार और शोक संतप्त दोस्तों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की गई है। भारतीय पत्रकारिता जगत उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा, और उनकी निष्कलंक प्रतिष्ठा और लेखनी को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।
आपको बता दें कि डॉ. के. विक्रम राव का पत्रकारिता जीवन बहुत ही संघर्षशील और प्रेरणादायक रहा। वह ना केवल एक महान पत्रकार थे, बल्कि श्रमजीवी पत्रकारों के अधिकारों के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे। उनकी निर्भीकता, ईमानदारी और सिद्धांतों के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें देशभर में एक सम्मानित स्थान दिलाया। वे इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (IFWJ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पत्रकारों के अधिकारों के लिए निरंतर कार्यरत रहे। इसके अलावा, उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर लेखन और संपादन के जरिए समाज को जागरूक करने का कार्य किया। उनके लेख और रिपोर्टें हमेशा सटीक और समाज की वास्तविक समस्याओं को उजागर करने वाली रही हैं।
ज्ञात रहे डॉ. के. विक्रम राव का जीवन श्रमजीवी पत्रकारों के संघर्षों से भी गहरा जुड़ा था। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि पत्रकारों के कामकाजी अधिकारों की रक्षा की जाए, और उनके कार्य की उचित सराहना हो। उनका मानना था कि पत्रकारिता समाज का चौथा स्तंभ है, और इसकी स्वतंत्रता को बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया और पत्रकारों की भलाई के लिए कई कदम उठाए।उनकी लेखनी ने न केवल राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर गहरी छाप छोड़ी, बल्कि उनके विचारों ने पत्रकारिता के मानकों को भी उच्च किया। उनके द्वारा प्रकाशित कई लेख आज भी पत्रकारिता जगत में महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

 

https://x.com/KUWJ_R/status/1921811170513567967

https://x.com/HelpU_Trust/status/1921803869501149520

https://x.com/tiwariami/status/1921803438209269887

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