दो माह से नहीं मिली मजदूरी, ग्राम पंचायतों को 2072 करोड़ रुपये का भुगतान भी अटका

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चूरू कांग्रेस नेता शमशेर भालू खान की सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

चूरू। राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के तहत काम करने वाले लाखों श्रमिकों को बीते दो महीनों से मजदूरी नहीं मिली है। चूरू जिले के कांग्रेस नेता शमशेर भालू खान ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही मजदूरी और सामग्री मद का बकाया भुगतान नहीं हुआ, तो वे नरेगा श्रमिकों और उनके संगठनों के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की 11,309 ग्राम पंचायतों में 22.47 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं और इनमें से 121.2 लाख मजदूरों को नरेगा के तहत रोजगार मिलता है। इनमें से 42.71% मजदूर अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से आते हैं।
शमशेर भालू खान ने यह भी बताया कि सितंबर 2024 से केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को सामग्री मद में दिए जाने वाले 2072 करोड़ रुपये का भुगतान भी रुका हुआ है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार योजनाएं ठप पड़ गई हैं और श्रमिकों की आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भले ही न्यूनतम मजदूरी को ₹266 से बढ़ाकर ₹281 किया हो, लेकिन जमीनी स्तर पर मजदूरों को औसतन ₹122 से ₹135 प्रतिदिन ही मिल रहे हैं। शमशेर भालू खान ने बताया कि उनके शासन काल में 99.49% सक्रिय श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी हो गई थी, जिससे पारदर्शिता और त्वरित भुगतान सुनिश्चित हो पाता था। बावजूद इसके, वर्तमान में मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिल पा रहा, जो चिंता का विषय है।

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