आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 12 मार्च, 2022 को

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चूरू। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) बलजीत सिंह के निर्देशानुसार आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 12 मार्च के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रमोद बंसल द्वारा बैंक अधिकारियों के साथ मीटिंग का आयोजन किया गया। बैठक में बैंक अधिकारियों को राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये तथा उन्हें बताया गया कि पिछली राष्ट्रीय लोक अदालत में जो सफलता मिली थी, उसी अनुसार इस राष्ट्रीय लोक अदालत में भी मुकदमों को प्री-काउंसलिंग में रखा जाए। इस हेतु बैंकवार प्री-काउंसलिंग हेतु कैलेण्डर तैयार किये जाने के भी निर्देश दिये गये। प्री-काउंसलिंग से लोक अदालत के संबंध में पक्षकारों को समझाना महत्वपूर्ण रहता है, जिससे लोक अदालत का लाभ लोगों को मिल सकता है। बैंक अधिकारियों ने भी बताया कि पूर्व की राष्ट्रीय लोक अदालत में लोगों को ऋण के संबंध में काफी फायदा हुआ था और लोगों से अपील की है कि वे राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचकर अपना मामला निपटा सकते हैं।इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में धारा 138 एनआई एक्ट प्रकरण, धन वसूली से संबंधित प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली-पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण (असमनीय के अलावा) भरण पोषण से संबंधित प्रकरण, अन्य प्रकरण (दाण्डिक समनीय एवं अन्य सिविल प्रकरण) लंबित प्रकरणों में अंतर्गत दाण्डिक समनीय प्रकरण, धारा 138 एनआई एक्ट प्रकरण, बैंक रिकवरी/धन वसूली के प्रकरण, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण (असमनीय के अलावा) भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण (सिविल न्यायालय/अधिकरण में लंबित) मजदूरी भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले (केवल जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित) एवं अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि प्रकृति के विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण चिन्हित किये जा रहे हैं। इसके लिये इन प्रकरणों में वर्तमान में प्री-काउंसलिंग के माध्यम से एवं राष्ट्रीय लोक अदालत के दिवस पर लोक अदालत बैंच द्वारा दोनों माध्यमों (ऑनलाईन एवं ऑफलाईन) से राजीनामे व आपसी समझाईश से निस्तारण के प्रयास किये जा रहे हैं।

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